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पूर्वोत्तर राज्यों में 2025 तक दो लाख हेक्टेयर में रबड़ की खेती का लक्ष्य

अगरतला, 08 दिसंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। रबड़ का उत्पादन बढ़ाने के लिए रबड़े बोर्ड ने वर्ष 2025 तक पूर्वोत्तर राज्यों में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबड़ की खेती का लक्ष्य रखा है।

रबड़ बोर्ड के चेयरमैन डॉ सावर धनाणिया ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के सात राज्यों में रबड़ उत्पादन और रबड़ की खेती बढ़ाने के लिए हमने ‘एनई मित्र’ नाम की एक योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 2025 तक इस क्षेत्र में रबड़ की खेती का रकबा दो लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा।’’

ऐसा पाया गया है कि सिक्किम को छोड़कर पूर्वोत्तर के बाकी सभी राज्य: अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा का वातावरण रबड़ उत्पादन के लिए उपयुक्त है।

अभी पूर्वोत्तर क्षेत्र के सात राज्यों में कुल मिलाकर दो लाख टन रबड़ का वार्षिक उत्पादन होता है जिसमें सर्वाधिक एक लाख टन रबड़ अकेले त्रिपुरा में पैदा होती है।

केरल के बाद त्रिपुरा का रबड़ उत्पादन के मामले में देश में दूसरा स्थान है। त्रिपुरा की 40 लाख की आबादी में से करीब 1.15 लाख रबड़ उत्पादक हैं।

धनाणिया ने कहा कि त्रिपुरा में रबड़ उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये की एक परियोजना का प्रारूप सरकार को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद त्रिपुरा में रबड़ की खेती में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यहां 2021 में 2,374 हेक्टेयर क्षेत्र में रबड़ की खेती हुई थी जो 2022 में बढ़कर 8,400 हेक्टेयर हो गई।

 

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