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ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने सकल राजस्व पर ही जीएसटी लगाने की मांग रखी

नई दिल्ली, 08 दिसंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कौशल आधारित ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने कहा है कि उसे जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह कर प्रतिस्पर्द्धा में शामिल होने की प्रवेश राशि पर न लगाकर क्षेत्र के सकल राजस्व पर लगाया जाना चाहिए।

ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े पक्षों का कहना है कि अगर प्रतिस्पर्द्धा प्रवेश राशि पर 28 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर लगाने का फैसला जीएसटी परिषद की बैठक में लिया जाता है तो 2.2 अरब डॉलर के आकार वाले इस उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

ऐसी चर्चाएं हैं कि जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों की कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने पर विचार किया जाएगा। फिलहाल गेमिंग के सकल राजस्व पर कर लगता है और उसकी दर 18 प्रतिशत है।

जीजीआर वह शुल्क होता है जो कौशल आधारित ऑनलाइन गेमिंग मंच अपने उपभोक्ता से सेवा शुल्क के रूप में वसूलता है। वहीं प्रतिस्पर्द्धा प्रवेश राशि (सीईए) गेमिंग मंच पर किसी प्रतिस्पर्द्धा का हिस्सा बनने के लिए दिया जाने वाला शुल्क होती है।

गेम्स24×7 के सह- मुख्य कार्यपालक अधिकारी त्रिविक्रम थंपी ने कहा, ‘एक उद्योग के तौर पर हम इस बात को लेकर एकजुट हैं कि जीएसटी को पहले की तरह सकल गेमिंग राजस्व पर ही लगाया जाना चाहिए, न कि प्रतिस्पर्द्धा प्रवेश राशि पर। सकल राजस्व पर दर को 28 प्रतिशत करने से ही सरकार को मिलने वाले कर राजस्व में करीब 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी।’

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग इस बोझ को तो सह लेगा लेकिन अगर प्रवेश राशि पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है तो बढ़े हुए कर बोझ को उपभोक्ताओं पर डालना पड़ेगा। इससे ग्राहक आधार खोने और गैर-कानूनी गेमिंग बाजार को बढ़ावा मिलने का खतरा पैदा होगा।

जीएसटी के मामलों में निर्णय लेने का अधिकार रखने वाली जीएसटी परिषद की बैठक 17 दिसंबर को होने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग के अलावा कसीनो एवं घुड़दौड़ पर भी कर लगाने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।

डिजिटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ निदेशक (लोक नीति एवं कंपनी मामले) सुमंत डे ने कहा कि सकल राजस्व पर जीएसटी लगाने की मांग भारत में इस उद्योग की प्रगति एवं विकास के लिए एक अहम कदम है। उन्होने कहा कि ऐसा नहीं होने पर ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

 

 

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