खेल

जापान ओपन : कड़ी चुनौती पेश करने के बाद क्वार्टर फाइनल में हारे प्रणय

ओसाका, 02 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। एचएस प्रणय को शुक्रवार को यहां विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता चीनी ताइपे के चाउ तिएन चेन से तीन गेम तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा जिससे जापान ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारत की चुनौती भी समाप्त हो गई। इस 30 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने आखिर तक हार नहीं मानी लेकिन चाउ ने भी किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती तथा एक घंटा 20 मिनट तक चले इस मैच में 21-17, 15-21, 22-20 से जीत दर्ज की। बाकी खिलाड़ियों के जल्दी बाहर होने के बाद भारत की उम्मीदें प्रणय पर ही टिकी थी।

पिछले कुछ समय से निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे प्रणय ने पहला गेम गंवाने के बाद अच्छी वापसी की तथा तीसरे और निर्णायक गेम में भी आखिरी क्षणों तक खुद को मुकाबले में बनाए रखा। इस मैच से पहले पिछले दो मैचों में चाउ पर जीत दर्ज करने वाले प्रणय ने पहले गेम में शुरू से दबदबा बना दिया था और एक समय वह 12-8 से बढ़त पर थे। चाउ ने हालांकि प्रणय की गलतियों का फायदा उठाया और जल्द ही 15-14 से आगे हो गए। प्रणय ने चाउ के बैकहैंड को फिर से नेट पर खेला जिससे ताइपे के खिलाड़ी के पास तीन गेम प्वाइंट आ गए। उन्होंने क्रॉस कोर्ट रिटर्न से यह गेम अपने नाम किया।

चाउ ने दूसरे गेम में भी 5-4 की मामूली बढ़त से शुरुआत की। उनका आक्रामक रवैया भारतीय खिलाड़ी पर भारी पड़ रहा था जो लगातार गलतियों के कारण 6-10 से पीछे हो गए थे। प्रणय का भाग्य ने भी साथ दिया और वह स्कोर 10-10 से बराबर करने में सफल रहे। चाउ ने इंटरवल तक मामूली बढ़त हासिल की लेकिन इसके बाद प्रणय ने गजब का खेल दिखाया जबकि चाउ ने लगातार गलतियां की। प्रणय ने जल्द ही 19-14 से बढ़त हासिल कर दी और फिर उन्होंने यह गेम जीतने में देर नहीं लगाई।

प्रणय ने तीसरे और निर्णायक गेम में शुरू में गलतियां की जिससे चाउ ने 6-4 की बढ़त हासिल कर दी। इंटरवल तक ताइपे के खिलाड़ी के पास छह अंक की मजबूत बढ़त थी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने कुछ शानदार क्रॉस कोर्ट लगाकर जल्द ही स्कोर 12-13 कर दिया। लेकिन प्रणय ने फिर से गलतियां की जिससे चाउ ने 17-14 से बढ़त बना दी। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद तीन मैच प्वाइंट बचाए लेकिन फिर से उनकी सर्विस सही नहीं रही जिससे चाउ को मैच प्वाइंट मिला और इस बार उन्होंने उसे हासिल करने में कोई गलती नहीं की।

 

 

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