खेल

सात्विक-चिराग ने पुरुष युगल में भारत का पहला पदक पक्का किया, प्रणय हारे

तोक्यो, 26 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की स्टार भारतीय पुरुष युगल जोड़ी ने शुक्रवार को यहां विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपना पहला पदक पक्का करके नया इतिहास रचा, लेकिन एचएस प्रणय का शानदार अभियान क्वार्टर फाइनल में थम गया।

इस माह के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विश्व में सातवें नंबर की भारतीय जोड़ी ने बेहतरीन प्रदर्शन करके खिताब की प्रबल दावेदार और मौजूदा चैंपियन ताकुरो होकी और यूगो कोबायाशी की विश्व में दूसरे नंबर की जापानी जोड़ी को एक घंटे 15 मिनट तक चले मैच में 24-22, 15-21, 21-14 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। इससे उन्होंने पहली बार विश्व चैंपियनशिप में अपने लिए पदक सुनिश्चित किया।

यह भारत का विश्व चैंपियनशिप में युगल में दूसरा पदक है। इससे पहले ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में महिला युगल में कांस्य पदक जीता था।

सात्विक और चिराग ने भी अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है। सेमीफाइनल में उनका सामना आरोन चिया और सोह वूई यिक की छठी वरीयता प्राप्त मलेशियाई जोड़ी से होगा।

भारत का यह विश्व चैंपियनशिप में कुल मिलाकर 13वां पदक है। पीवी सिंधू ने 2019 में स्वर्ण पदक सहित इस प्रतियोगिता में कुल पांच पदक जीते हैं जबकि साइना नेहवाल ने एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया है। इनके अलावा किदांबी श्रीकांत ने रजत, लक्ष्य सेन, बी साई प्रणीत और प्रकाश पादुकोण ने कांस्य पदक जीते हैं।

भारत एक और पदक अपने नाम कर सकता था लेकिन चीन के झाओ जुन पेंग ने तीन गेम तक चले एक मैच में प्रणय को 19-21, 21-6, 21-18 से हराकर भारतीयों का दिल तोड़ दिया।

इससे पहले एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला का विजय अभियान तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी से पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में हारने के साथ समाप्त हो गया।

गैरवरीय भारतीय जोड़ी को इंडोनेशिया की तीसरी वरीय जोड़ी से 30 मिनट से भी कम समय में 8-21, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा।

भारतीय जोड़ी ने इससे पहले दूसरे दौर में डेनमार्क के आठवीं वरीयता प्राप्त किम एस्ट्रुप और एंडर्स स्कारुप रासमुसेन को हराया था।

सात्विक और चिराग दृढ़ इरादों के साथ मैदान पर उतरे और उन्होंने पहले गेम में शुरू में दबदबा बनाए रखा। भारतीय जोड़ी एक समय 12-5 से आगे थी लेकिन जापानी जोड़ी ने लगातार सात अंक बनाकर 16-14 से बढ़त हासिल कर ली।

भारतीय जोड़ी ने हालांकि जुझारूपन दिखाकर पहला गेम अपने नाम किया।

ताकुरो और यूगो ने दूसरे गेम में 9-9 की बराबरी से शानदार वापसी की और यह गेम जीतकर मुकाबले को निर्णायक गेम तक खींच दिया।

भारतीय जोड़ी ने इसके बाद फिर से अच्छा खेल दिखाया और इंटरवल तक 11-5 से बढ़त हासिल कर ली। सात्विक और चिराग ने जल्द ही इसे 14-8 कर दिया। भारतीयों ने यहां पर नेट पर फाउल किया और एक अंक गंवाया लेकिन वह तुरंत ही स्कोर 16-9 करने में सफल रहे।

यूगो ने इसके बाद कुछ शानदार शॉट लगाए, जिनमें एक शक्तिशाली स्मैश और एक क्रॉस कोर्ट रिटर्न भी शामिल है। इससे जापानी जोड़ी ने तीन अंक बनाए लेकिन इसके बाद उनके दो शॉट बाहर चले गए जिससे भारतीय जोड़ी 19-13 से आगे हो गई।

भारतीयों के पास जल्द ही सात मैच पॉइंट थे और उन्होंने यूगो की गलती से मैच अपने नाम करने में देर नहीं लगाई।

पुरुष एकल में प्रणय से काफी उम्मीदें थी क्योंकि उन्होंने इससे पहले दो बार के चैंपियन केंटो मोमोटा और हमवतन लक्ष्य सेन को हराया था। लेकिन यह भारतीय खिलाड़ी पहला गेम जीतने के बावजूद मैच गंवा बैठा।

पहले गेम में भी प्रणय एक समय 19-13 से आगे थे लेकिन इसके बाद उन्होंने चीनी खिलाड़ी को वापसी का मौका दिया और स्कोर 19-19 से बराबर हो गया। प्रणय ने हालांकि इसके बाद दो अंक बनाकर शुरुआती बढ़त हासिल की।

प्रणय दूसरे गेम में किसी भी समय लय में नहीं दिखे और झाओ ने इंटरवल तक 11-1 से बढ़त हासिल कर रखी थी। चीनी खिलाड़ी ने यह गेम आसानी से जीता।

निर्णायक गेम में प्रणय ने गलतियां की लेकिन फिर भी खुद को मैच में बनाए रखा। इंटरवल तक वह एक अंक की बढ़त पर थे। चीनी खिलाड़ी ने हालांकि जल्द ही बढ़त हासिल कर ली और वह 18-13 से आगे हो गए। उन्होंने जल्द ही तीन मैच प्वाइंट हासिल किए जिनमें से भारतीय खिलाड़ी एक का ही बचाव कर पाया।

 

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