उमस भरी गर्मी से राहत की उम्मीद कम, पश्चिमी राजस्थान से होगी मानसून की संभावित वापसी
नई दिल्ली, 15 सितंबर (सक्षम भारत)। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सहित नौ राज्यों में बारिश की कमी के कारण उमस भरी गर्मी से अगले 10 से 15 दिनों तक कोई राहत नहीं मिलती दिख रही है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान से अगले पांच दिनों में मानसून की वापसी शुरु होने की संभावना ने, इन राज्यों में बारिश की कमी और उमस में इजाफे की चिंता को भी बढ़ा दिया है। मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने रविवार को बताया कि दिल्ली सहित अन्य मैदानी राज्यों में उमस भरी गर्मी से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में रविवार को कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश ने आसपास के इलाकों में उमस का स्तर बढ़ा दिया है। श्रीवास्तव ने बताया कि अगले सप्ताह सोमवार को भी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश के आसार नहीं होने और मंगलवार को मामूली बारिश की संभावना को देखते हुये उमस का स्तर बढ़ना तय है। पहले की तुलना में इस साल उमस भरी गर्मी में इजाफे के बारे में उन्होंने बताया कि वातावरण में व्याप्त नमी का स्तर इतना अधिक नहीं हो पा रहा है जिससे बारिश की सुगमता के लिये हवा के कम दबाव का उपयुक्त क्षेत्र बन सके। इसके अलावा बीच-बीच में चलने वाली हवा, नमी के स्तर को बारिश लायक हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में बाधक बन रही है। इस वजह से वातावरण में उमस की अधिकता बनी हुयी है। दिल्ली सहित नौ अन्य राज्यों में इस साल बारिश की कमी के पीछे भी यही वजह है। इस बीच मानसून की वापसी की संभावना ने भी इन राज्यों में बारिश की कमी की भरपाई नहीं हो पाने की चिंता बढ़ा दी है। श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी राजस्थान से होते हुये एक सितंबर से शुरु होती है और सितंबर के अंतिम सप्ताह (30 सितंबर) तक दक्षिण भारत सहित पूरे देश से मानसून की वापसी हो जाती है। उन्होंने कहा कि मानसून की मौजूदा गतिविधि पर आधारित पूर्वानुमान को देखते हुये पश्चिमी राजस्थान से 19 या 20 सितंबर को मानसून की वापसी शुरु होने का अनुमान है। मौसम विभाग के मानसून संबंधी आंकड़ों के अनुसार एक जून से 11 सितंबर तक देश में सामान्य से तीन प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गयी है। इसके मुताबिक इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर बारिश के सामान्य स्तर 783.4 मिमी की तुलना में 805.3 मिमी बारिश हुयी। मानसून के दौरान अब तक गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित नौ राज्यों में बारिश की अधिकता रही। जबकि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर सहित 16 राज्यों में बारिश का स्तर सामान्य रहा, वहीं दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड सहित नौ राज्यों में बारिश की कमी दर्ज की गयी। बारिश के आंकड़ों से साफ है कि राज्यों के स्तर पर मानसून का वितरण अब तक असमान रहा है। बारिश की कमी वाले राज्यों में 62 प्रतिशत कमी के साथ मणिपुर अव्वल है। जबकि दिल्ली में बारिश की कमी का स्तर 35 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 25 प्रतिशत, हरियाणा में 39 प्रतिशत और झारखंड में 30 प्रतिशत दर्ज किया गया।