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कौन हैं नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले दोनों जज, हिमाचल और गुजरात हाईकोर्ट में दे चुके सेवाएं

नई दिल्ली, 01 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नुपूर शर्मा को जमकर फटकार लगाई है। दरअसल, नूपुर शर्मा की ओर से देश के अलग-अलग शहरों में दर्ज केसों को दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए अर्जी लगाई गई थी। इसी अर्जी की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने नूपुर शर्मा को फटकार लगाते हुए उन्हें देश का माहौल खराब करने का जिम्मेदार भी ठहराया। इसके साथ ही कोर्ट ने नूपुर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए भी कहा है। बता दें कि नूपुर को फटकार लगाने वाले जस्टिस सूर्यकांत पहले भी कई मामलों में कड़ा रुख अपना चुके हैं।

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत :
बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उनकी फैमिली शुरू से खेती-किसान से जुड़ी हुई है। जस्टिस सूर्यकांत की शुरुआती पढ़ाई हिसार से हुई। 1984 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक से उन्होंने कानून की डिग्री ली। इसके बाद हिसार की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत शुरू की। जुलाई, 2000 में वो हरियाणा के महाधिवक्ता बनाए गए। 9 जनवरी, 2004 को उन्हें पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया।

हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे सूर्यकांत :
सुप्रीम कोर्ट से पहले जस्टिस सूर्यकांत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। 5 अक्टूबर, 2018 को उन्हें हिमाचल प्रदेश का चीफ जस्टिस बनाया गया था। 8 मई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने जस्टिस सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए जाने के संबंध में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी।

कौन हैं जस्टिस जेबी पारदीवाला?
सुप्रीम कोर्ट के जज जमशेद बरजोर पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई गुजरात के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से हुई है। 1988 में वलसाड के केएम मुलजी लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की डिग्री ली। 2002 में जस्टिस पारदीवाला गुजरात हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किये गए थे। इसके बाद 2011 में उनकी पदोन्नति हुई थी और वो गुजरात हाईकोर्ट के जज बने थे। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में जस्टिस पारदीवाला पारसी समुदाय से आने वाले छठे जज हैं।

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