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अग्निपथ से ध्यान भटकाने को राहुल पर ईडी कार्रवाई : सिंघवी

नई दिल्ली, 21 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच को केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ ‘स्वस्फूर्त विरोध’ समेत अन्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बढ़ाया जा रहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी जिम्मेदारी निभाने वाली वित्तीय जांच एजेंसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से ‘40 घंटे’ से अधिक की पूछताछ ‘तर्कहीन’ है।
उन्होंने कहा,“यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार, शासन के हर एक पहलू में विफल रही है, अब नीति बनाने के अपने नवीनतम आधे-अधूरे प्रयास से ध्यान हटाने के लिए बेताब है।”
श्री सिंघवी ने कहा कि बिना परामर्श और बगैर सोचे-समझे शुरू की गई अग्निपथ योजना देश भर में व्यापक विरोध हो रहा है और बिना सोचे-समझे की गई घोषणाओं की श्रृंखला में नवीनतम है।
उन्होंने कहा,“श्री राहुल गांधी को देश का ध्यान भटकाने के लिए, सभी कैमरों को इस प्रक्रिया पर केंद्रित रखने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए बुलाया जा रहा है कि अग्निपथ के खिलाफ विरोध करने वाली आवाजों को वह मंच न मिले जिसका वे हकदार हैं।”
श्री सिंघवी ने कहा,“और मोदी सरकार इन विरोधों से कैसे निपटती है? उसके पास एकमात्र तरीका है कि और वह है छल। वह छल के माध्यम से लोगों का ध्यान भटकाती है या फिर विपक्ष पर हर दोष लगाने का उनका सबसे अच्छा बहाना है।”कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि श्री गांधी से चार दिनों तक लगभग 40 घंटे तक पूछताछ की गई और मंगलवार को उन्हें फिर से बुलाया गया। उन्होंने कहा,“उनसे इसलिए पूछताछ नहीं की जा रही है क्योंकि ईडी ने सात साल बाद कुछ उल्लेखनीय खोज की है बल्कि उन मुद्दों को छिपाने के लिए जो ध्यान देने योग्य हैं जैसे अग्निपथ, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी आदि।”
श्री सिंघवी ने बताया कि सात साल बाद भी, ईडी किसी तरह अभी भी एक प्राथमिकी पेश करने में असमर्थ है, जिसमें श्री गांधी और यंग इंडियन के बोर्ड में सेवा करने वाले अन्य सदस्यों द्वारा किए गए कथित तौर पर अपराधों को रेखांकित किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई लाभार्थी नहीं हैं और ‘यंग इंडियन’ धारा 25 के तहत स्थापित कंपनी थी, जो एक विशेष धर्मार्थ उद्देश्य के लिए मौजूद साधन है। यह अपने निदेशकों को वेतन, लाभांश या मुनाफे का भुगतान नहीं कर सकती।
गौरतलब है कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर शिकायत के अनुसार, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण लिया, जिसे वापस नहीं किया गया।कांग्रेस ने कहा है कि इसमें कोई मनी लॉन्ड्रिंग शामिल नहीं है और समन को राजनीति से प्रेरित कदम बताया है।
श्री सिंघवी ने कहा कि एक वकील के रूप में वह इस बात से हैरान हैं कि कौन से प्रश्न और दोहराए गए प्रश्न 40 घंटे तक चल सकते हैं और यदि यह एक और लंबी अवधि के लिए चलाया जाता है तो श्री गांधी की पूछताछ मंगलवार को अर्धशतक के निशान को पार कर जाएगी। उन्होंने कहा,“इस प्रक्रिया के बारे में कुछ भी संवैधानिक या कानूनी नहीं है। श्री राहुल गांधी के नजरिये से ईडी की पूरी कवायद ‘व्यक्तिगत’ है। यह केवल ‘व्यक्तिगत द्वेष, व्यक्तिगत शिकायत, व्यक्तिगत प्रतिशोध’ है।” पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह एक त्रासदी है कि ईडी का भाजपा द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।”

 

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