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सीपीएसई को प्रतिस्पर्धी बाजार में अस्तित्व बचाये रखने के लिए क्षमता विस्तार करना जरूरी: वित्त मंत्री

गांधीनगर, 09 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि कोर यानी बुनियादी क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) को प्रतिस्पर्धी बाजार में अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए न सिर्फ क्षमता विस्तार करने की जरूरत है बल्कि अगर जरूरी हो तो खुद को बचाये रखने के लिए उन्हें निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी भी करनी चाहिए।

निर्मला सीतारमण ने गांधीनगर में आयोजित राष्ट्र निर्माण और सीपीएसई की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के मौके पर कहा, प्रतिस्पर्धी दुनिया में अपने आप को बचाये रखने के लिए कोर क्षेत्र के पीएसई को अपने कौशल, क्षमता, प्रतिस्पर्धता और दक्षता को बढ़ाना होगा। उन्हें खुद को बाजार में बनाये रखने के लिए निजी क्षेत्र के साथ भी हाथ मिलाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ने 2021 में राष्ट्र निर्माण में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका को कम करने का फैसला किया। निजी क्षेत्रों के लिए कई क्षेत्र खोले गये। कई क्षेत्र, जो अब भी पीएसई के लिए आरक्षित हैं, उन क्षेत्रों में भी पीएसई की भूमिका जल्द ही कम होने वाली है। उन्होंने कहा, पीएसई के लिए अपनी मजबूती और योग्यता साबित करने का समय आ गया है। अगर इसे सही समय पर विस्तारित नहीं किया गया तो उनके लिए खुद को बचाये रखना मुश्किल हो जायेगा या उनका अस्तित्व ही अर्थहीन हो जायेगा। वित्त मंत्री ने पीएसई के लिए विविधता, विस्तार और नये अवसरों की तलाश को भी महत्वपूर्ण बताया।

निर्मला सीतारमण ने कहा,देश को जब औपनिवेशिक शासन से मुक्त किया गया था, तब उसे आत्मनिर्भर होने की जरूरत थी। इसके लिए सरकार ने कई क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश किया। भले ही कई क्षेत्र पीएसयू (पीएसई) के लिए आरक्षित थे लेकिन उदारीकरण और वैश्विकरण ने कई क्षेत्रों के रास्ते निजी सेक्टर के लिए खोल दिये। साल 2021 तक कुछ सार्वजनिक उपक्रमों को इस आरक्षित नीति का लाभ मिलता रहा लेकिन अब उनकी भूमिका कम की जायेगी। राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका और योगदान उल्लेखनीय है।

 

 

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