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आने वाले समय में मांग वृद्धि की उम्मीद, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर भू राजनीतिक चिंतायें रहेंगी हावी : एसबीआई

नई दिल्ली, 01 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। एसबीआई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल के दौरान करीब सभी क्षेत्रों में ऋण उठाव अच्छा रहा है और व्यक्तिगत ऋण का प्रदर्शन हमेशा की तरह बेहतर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल में व्यक्तिगत ऋण उठाव में 14.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है। आवास ऋण, वाहन ऋण और अन्य प्रकार के व्यक्तिगत ऋण के कारण इंक्रिमेंटल क्रेडिट में इसका योगदान करीब 90 प्रतिशत रहा।

एसबीआई का कहना है कि खुदरा क्षेत्र में ग्राहक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए आने वाले समय में अपनी खरीद को बढ़ा सकते हैं। इससे कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में मांग बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ओमीक्रॉन और चिप की किल्लत को देखते हुए सकल घरेलू उत्पाद को लेकर विकास अनुमान कम ही आंका जा रहा था। ऐसे में जीडीपी के आंकड़े लोगों को ज्यादा निराश नहीं कर पाये हैं और इससे निवेश धारणा को मजबूती ही मिली है।

आधिकारिक आंकड़ों में वित्त वर्ष 22 में देश के जीडीपी की विकास दर 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि वित्त वर्ष 21 में जीडीपी में 6.6 प्रतिशत का संकुचन था। वित्त वर्ष 22 की अंतिम तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रही जबकि वित्त वर्ष 21 की अंतिम तिमाही में यह आंकड़ा 1.6 प्रतिशत रहा था।

एसबीआई का कहना है कि होटल, संचार और सेवा क्षेत्र अब भी पटरी पर नहीं लौटे हैं। एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान इन क्षेत्रों के कोरोना पूर्व स्तर पर या उसके पार पहुंचने का अनुमान जताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भू राजनीतिक चिंतायें वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के लिए नकारात्मक रहेंगी। इसका प्रभाव व्यापार, उत्पादन और कीमतों पर रहेगा। अधिकतर कमोडिटी की कीमतों में अप्रत्याशित तेजी, सख्त वित्तीय स्थिति और उच्च महंगाई दर वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं।

 

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