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ईंधन पर केंद्र के अत्यधिक कर जारी हैं: तमिलनाडु वित्त मंत्री

चेन्नई, 28 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। तमिलनाडु सरकार ने बृहस्पतिवार को केंद्र पर पलटवार करते हुए ईंधन पर लगाए गए उपकर और अधिभार को कम करने की मांग को दोहराया।

तमिलनाडु सरकार ने कहा कि उपकर और अधिभार को मूल कर दरों के साथ मिलना चाहिए, ताकि राज्यों को केंद्रीय करों से उनका सही हिस्सा मिल सके।

राज्य के वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री पलानीवेल थियागा राजन ने कहा कि ईंधन की कीमतों पर केंद्र के अत्यधिक कर जारी है और राज्य के लिए कर को और कम करना न तो ‘‘उचित’’ है और न ही ‘‘व्यवहार्य’’ है।

इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र ने नवंबर 2021 को ईंधन की कीमतों का बोझ कम करने के लिए उत्पाद शुल्क कम किया था, कुछ राज्यों ने कर कम किया, लेकिन कुछ ने यह लाभ प्रदान नहीं किया।

मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बैठक में कहा था कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु ने उसके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया और जनता पर बोझ बना हुआ है।

राजन ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि तमिलनाडु सरकार ने अगस्त 2021 में मूल्य वर्धित कर में कटौती की थी, जिसके चलते जनता को तीन रुपये प्रति लीटर की राहत मिली।

उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में पेट्रोल पर लेवी में काफी वृद्धि हुई है, जिससे केंद्र सरकार के राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई, लेकिन राज्यों के राजस्व में कोई वृद्धि नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ साझा किए जाने वाले उत्पाद शुल्क को कम करते हुए पेट्रोल और डीजल पर उपकर और अधिभार बढ़ाया।

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