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अदालती आदेशों को तेजी से प्रसारित करने वाले ‘फास्टर’ सॉफ्टवेयर का शुभारंभ

नई दिल्ली, 31 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अदालत के आदेशों को तेजी से और सुरक्षित प्रसारित करने वाले एक सॉफ्टवेयर का बृहस्पतिवार को शुभारंभ किया। इससे न्यायिक आदेशों को तत्काल प्रसारित करने में मदद मिलेगी।

सीजेआई रमण के साथ न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश तथा न्यायाधीश ‘फास्ट एंड सिक्योर्ड ट्रांसमिशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स’ (फास्टर) सॉफ्टवेयर के ऑनलाइन उद्घाटन के मौके पर मौजूद रहे।

सीजेआई ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय और अन्य उच्च न्यायालयों द्वारा पारित आदेश तीसरे पक्षों के हस्तक्षेप के बिना सुरक्षित प्रसारित होना जरूरी है। हमने उच्च न्यायालय स्तर पर 73 नोडल अधिकारियों को नामित किया है और न्यायिक संचार नेटवर्क के जरिए जेल प्राधिकारियों का चयन किया गया है। एक सुरक्षित ईमेल आईडी बनायी गयी है।’’

न्यायाधीश रमण ने कहा, ‘‘देशभर में इन नोडल अधिकारियों से जुड़ी कुल 1,887 ईमेल आईडी हैं। फास्टर से जमानती आदेश प्रसारित किए जाएंगे और प्रामाणिकता के उद्देश्य से इसमें उच्चतम न्यायालय के अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे। संचार ईमेल आईडी धारकों तक सीमित होगा जिससे गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।’’

सीजेआई रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने न्यायिक आदेश न मिलने या उनका सत्यापन न होने जैसे आधार पर जमानत मिलने के बाद भी दोषियों की रिहाई में देरी पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसके बाद फास्टर सॉफ्टवेयर लाया गया है।

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