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डीटीसी बसों के लिए मार्शलों की नियुक्ति में घोटाले की अब सीबीआई से शिकायत

नई दिल्ली, 09 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली सरकार द्वारा डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती को मामला अब सीबीआई के पास पहुंच गया है. भाजपा विधायकों ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से की थी. अब मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता भाजपा विधायकों के साथ सीबीआई मुख्यालय जाकर पूरे मामले की शिकायत सीबीआई को दी और इसकी जांच कराने का मांग की है.

इससे पहले प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के लिए डीटीसी बसों में 10,000 मार्शलों की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. सत्ता में आने से पहले केजरीवाल सरकार ने बसों में मार्शलों की तैनाती का वादा किया था. 4.5 साल बाद जब उन्हें मार्शलों की तैनाती का ध्यान आया तब असंवैधानिक तरीके से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी.

मार्शल के रूप में सिविल डिफेंस को जिम्मेदारी देनी थी. उन्हें मार्शल नियुक्त करना था. लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के युवाओं, सिविल डिफेंस वालों को दरकिनार कर अवैध तरीके से राजस्थान व अन्य राज्यों के लोगों को फर्जी दस्तावेज बनवा कर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. जब यह मामला संज्ञान में आया तब नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी गई.

नेता विपक्ष का आरोप है है कि मार्शलों की नियुक्ति के लिए इन लोगों से सरकार ने 2-2 लाख रुपये लिए हैं. इस हिसाब से करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है. इतना ही नहीं सरकार के इस घोटाले में मंत्री, डीएम व अन्य अधिकारी भी लिप्त है. मामला संज्ञान में आया तो केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों का तबादला कर दिया. जबकि उसके उसको तुरंत सस्पेंड कर जांच करानी चाहिए थी.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के मूल निवासियों का अधिकार छीन कर मार्शलों की भर्ती नियमों को ताक पर रखते हुए आयु सीमा से अधिक 45 से 60 वर्ष के लोगों को भी नियुक्त कर लिया था. जबकि वे मार्शल नियुक्त होने के लिए किसी भी तरह से योग्य नहीं थे, उनको नियुक्त कर दिया गया. इन लोगों के फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाए गए. 12 से 15 अगस्त के बीच सरकारी अवकाश था. स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व में नोटिफिकेशन जारी कर दिल्ली सरकार के दफ्तरों को खोला गया और अधिकारियों ने भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए. जिसके बाद केजरीवाल सरकार पूरे घटनाक्रम की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से की है. जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश शुरू कर दी है.

उन्होंने उपराज्यपाल से मांग की कि वह भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को मामले की जांच करने का आदेश दें और इसकी शिकायत सीबीआई से भी कर दी गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि दिल्ली की जनता को जवाब देना चाहिए.

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