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दुनिया में 2026 तक 115 मिलियन से अधिक ऊर्जा कुशल भवन होंगे

नई दिल्ली, 28 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। जैसे-जैसे ऊर्जा की लागत बढ़ रही है, वैश्विक स्तर पर स्मार्ट बिल्डिंग प्रौद्योगिकियों को लागू करने वाली इमारतों की संख्या साल 2026 में 115 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जो 2022 में 45 मिलियन है। सोमवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। जुनिपर रिसर्च के एक नए अध्ययन के अनुसार, 150 प्रतिशत से अधिक की यह वृद्धि व्यवसायों और निवासियों से समान रूप से ऊर्जा दक्षता की बढ़ती मांग को दर्शाती है। एक स्मार्ट इमारत संसाधनों के किफायती उपयोग को सक्षम करने के लिए कनेक्टिविटी का उपयोग करती है। शोध में पाया गया कि गैर-आवासीय स्मार्ट भवन 2026 में वैश्विक स्तर पर 2022 के समान स्तर पर 90 प्रतिशत स्मार्ट बिल्डिंग खर्च करेंगे। शोध के सह-लेखक डावनेटा ग्रांट ने कहा, स्मार्ट बिल्डिंग प्लेटफॉर्म विक्रेता गैर-आवासीय उपयोग के मामलों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, क्योंकि ये निवेश पर एक मजबूत रिटर्न प्रदान करते हैं, लेकिन उन्हें आवासीय तैनाती के महत्व की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पर्यावरण संबंधी चिंताएं तेज हो रही हैं। सामान्य कार्यो की निगरानी और स्वचालित करने के लिए इमारतों को सक्षम करके, श्रमिकों और निवासियों के लिए पर्यावरण में सुधार करते हुए महत्वपूर्ण दक्षता लाभ प्राप्त किया जा सकता है। शोध में यह भी पाया गया कि स्मार्ट भवनों में उपयोग किए जाने वाले सेंसर का वैश्विक शिपमेंट 2022 में 360 मिलियन से 2026 में सालाना 1 बिलियन से अधिक हो जाएगा, जो 204 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। जीवित आवश्यकताओं के लिए प्रकाश, हीटिंग और वेंटिलेशन जैसे मिलान करने वाले तत्व बुद्धिमान प्रबंधन प्लेटफार्मो के साथ संयुक्त होने पर सेंसर, स्मार्ट इमारतों को परिस्थितियों के अनुकूल होने की अनुमति देगा।

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