‘बंगाल होगा अगला कश्मीर, हिंदू लड़े अपने वजूद की लड़ाई’ ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के बाद बोले गिरिराज सिंह
नई दिल्ली, 16 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स‘ देखने के बाद बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधा. फिल्म देखने के बाद गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आज कह रहा हूं कि बंगाल में ममता बनर्जी का भी आज वही रोल है, जो कभी कश्मीर में राजनेताओं का था. बंगाल अगला कश्मीर होगा, अगर बंगाल के हिंदू अपने वजूद की लड़ाई नहीं लड़े तो एक जिला नहीं वहां दर्जनों जिले हैं. देश के अंदर कट्टरवादिता से खतरा है. हमें मुसलमानों से खतरा कम है मुस्लिम कट्टरपंथियों से ज्यादा खतरा है. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद बीजेपी के नेता द कश्मीर फाइल्स दे रहे हैं और इसे लेकर विरोधी दल पर निशाना साध रहे हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से गिरिराज सिंह कहा कि जो लोग आज ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बैन करने की बात कर रहे हैं वे देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे गांव की चौपाल तक दिखाना चाहिए. फिल्म में दिखाये नरसंहार को देख कर गिरिराज सिंह खुद को रोक नहीं पाये और रोने लगे. उन्होंने कहा कि यह फिल्म नहीं होती तो देश कश्मीर का सच नहीं जान पाता. उन्होंने सभी से इसे देखने की अपील करते हुए फिल्म मेकर्स से इस फिल्म को गांव-गांव ले जाकर पूरे देश में दिखाने की अपील की. फिल्म देखने के बाद गिरिराज कांग्रेस को घेरना नहीं भूले और उन्होंने इसको लेकर कांग्रेस पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि लाखों पंडितों की दुर्दशा पर जिनके आंसू सूख गए थे, इस फिल्म ने उनके रोंगटे खड़े कर दिए हैं. इस फिल्म के जरिये तुष्टिकरण की राजनीति का खेल सबके सामने आ गया है. अब जनता जान चुकी है कि कांग्रेस ने भारत के पंडितों के साथ क्या किया है?
बंगाल के शिक्षाविद की नसीहत : सबक लेने की जरूरत
पश्चिम बंगाल के शिक्षाविद ने भी इस फिल्म को देखकर सबक लेने की नसीहत देते हुए कहा है कि बंगाल के भी हालात इस तरह से हो सकते हैं अगर समय पर इससे सबक लेकर एकजुटता नहीं दिखाई गई तो. एक वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. अचिंत्य विश्वास ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में सोशल मीडिया पर ‘धारणा’ शीर्षक के तहत लिखा, ” कश्मीर में पंडितों के कत्लेआम पर अजीबोगरीब बातें की जा रही हैं. कुछ लोग कहते हैं कि गुजरात फाइल्स खोले जाने चाहिए. तो क्या इसका मतलब यह है कि कश्मीर में पंडितों की हत्या सिर्फ इस बात के लिए जायज है क्योंकि गुजरात में भी कथित तौर पर ऐसा कुछ हुआ था? यह चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि हिंदू अगर समय पर सबक नहीं लेंगे और संभलेंगे नहीं तो उन्हें भी भविष्य में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. भारत में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण पर लिखी गई सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भगवान दास की किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आज खुद को कट्टर मुसलमान कहते हैं अथवा ब्राह्मणों से अलग कहते हैं उन्हें एक बार इस किताब को पढ़नी चाहिए. कश्मीरी हिंदुओं के साथ जो कुछ भी हुआ उससे समय पर सबक ले लेने की जरूरत है.