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संत रविदास का भव्य मंदिर बनाए केंद्र सरकार: रालोसपा

नई दिल्ली, 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने केंद्र सरकार को दलित-महादलित व पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा है कि देश की राजधानी में सैंकड़ों साल पुराने संत रविदास जी के मंदिर को तोड़ डाला गया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. रालोसपा ने पंद्रह सितंबर को दिल्ली में मंदिर निर्माण को लेकर होने वाले प्रदर्शन का भी समर्थन किया है.

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संत रविदास ताउम्र भेदभाव के खिलाफ लड़ते रहे. उन्होंने इंसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया. करीब चार सौ साल से ज्यादा पुराने इस मंदिर को तोड़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. कुशवाहा ने सवाल किया कि क्या वजह है कि केंद्र सरकार दलितों और पिछड़ों से जुड़े मामलों को अदालत में ठीक तरह से नहीं उठा पाती है. चाहे वह एससी-एसटी ऐक्ट में बदलाव का मामला हो या फिर संत रविदास मंदिर का मामला, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस पर अपना पक्ष अदालत में ठीक से नहीं रखा.

कुशवाहा ने कहा कि रालोसपा संत रविदास का भव्य मंदिर बनाए जाने की मांग करती है क्योंकि यह देश के बहुसंख्यक दलित समाज की आस्था का सवाल है. मंदिर गिराए जाने से उनकी आस्था आहत हुई है. केंद्र सरकार को अगर दलितों की चिंता है तो वह तत्काल उसी स्थान पर संत रविदास का मंदिर बना कर देश के करोड़ों दलितों की भावनाओं का सम्मान करे. कुशवाहा ने इस मुद्दे पर एनडीए में शामिल सामाजिक न्याय की बात करने वाले दलों की चुप्पी पर तंज करते हुए कहा कि उन दलों की खामोशी खतरनाक है, उन दलों को संत रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए आवाज बुलंद करनी चाहिए थी लेकिन अफसोस है कि ऐसा नहीं हुआ. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे पर मुंह नहीं खोला, यह शर्मनाक है. कुशवाहा ने कहा कि संत रविदास सिर्फ दलितों के नहीं पूरे देश के लिए पूजणीय हैं.

उन्होंने पिछले महीने भीम सेना के कार्यकर्ताओं पर पुलिस के बर्बर लाठी चार्ज की निंदा की और कहा कि देश में अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है. लेकिन सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों को लाठी का डर दिखा कर कुचलना चाहती है. कुशवाहा ने भीम सेना प्रमुख चंद्रशेखर सहित दूसरे दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि इनके खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया है उसे तत्काल वापस लिया जाए. कुशवाहा ने दिल्ली में मंदिर निर्माण को लेकर दलितों व मुसलमानों के प्रदर्शन को समर्थन देने का एलान करते हुए कहा कि पार्टी की दिल्ली इकाई भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेगी.

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