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राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति से बढ़ी शेयर बाजार की हलचल, कई कंपनियों के शेयर में उछाल

नई दिल्ली, 18 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति के पहले हिस्से को नोटिफाई करने के कारण आज ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में काम करने का ऐलान करने वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुख बना हुआ है।

शेयर बाजार में दबाव की स्थिति होने के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, लार्सन एंड टूब्रो, एमटीएआर और थर्मेक्स जैसी कंपनियों के शेयर में दिन के पहले कारोबारी सत्र के दौरान तेजी बनी हुई थी।

केंद्र सरकार द्वारा कल राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति के पहले हिस्से को नोटिफाई करने के बाद कई कंपनियों ने ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में काम करने को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। जानकारों का मानना है कि सरकार ने ग्रीन एनर्जी के प्रोडक्शन के लिए रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के इरादे से जो कदम उठाए हैं, उससे ऊर्जा का उत्पादन करने वाली कंपनियों को काफी फायदा होगा। ये कंपनियां एनर्जी सोर्स के तौर पर ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर सकेंगी, जिससे उनकी उत्पादन लागत को घटाने में काफी मदद मिलेगी। ऐसी कंपनियों में मुख्य रूप से रिन्यू पावर, एनटीपीसी, लार्सन एंड टूब्रो और थर्मेक्स शामिल हैं, जिन्हें सरकार के इस नीति से प्रत्यक्ष फायदा हो सकेगा।

पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी पॉलिसी को शुरू करने का ऐलान किया था। ग्रीन एनर्जी पॉलिसी को ही ग्रीन अमोनिया पॉलिसी भी कहा जाता है। माना जा रहा है कि इस पॉलिसी के लॉन्च होने से देश में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा मिल सकेगा, जिसकी वजह से एनर्जी के पारंपरिक साधनों पर निर्भरता घट सकेगी। साथ ही ऊर्जा के उत्पादन में होने वाले प्रदूषण को भी कम करने में काफी मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ग्रीन हाइड्रोजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि जानकारों का मानना है कि मौजूदा समय में फिलहाल मांग कम होने की वजह से ग्रीन हाइड्रोजन की लागत अधिक हो सकती है, लेकिन आने वाले 3 से 4 सालों में ग्रीन हाइड्रोजन की मांग में न केवल बढ़ोतरी होगी, बल्कि ये गैर पारंपरिक ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत बन जाएगा। ऐसा होने पर रिलायंस और इसकी जैसी ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने दूसरी कंपनियों को काफी फायदा मिलेगा। खासकर जो कंपनियां इस फील्ड में पहले काम शुरू करेंगी, उनके लिए सबसे ज्यादा मार्केट शेयर हासिल करने की संभावना भी बनी रहेगी।

आपको बता दें कि कल गुरुवार को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन नीति के जिस पहले हिस्से को नोटिफाई किया है, उसमें ये भी स्पष्ट किया गया है कि ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने वाली कंपनियों को उत्पादन के लिए कहीं से भी और किसी से भी रिन्यूएबल एनर्जी लेने की अनुमति होगी। इस नीति के तहत कंपनियों को खुद या अन्य इकाइयों के माध्यम से पवन ऊर्जा या सौर ऊर्जा जैसे रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों से बिजली का उत्पादन करने से लेकर प्लांट लगाने तक की अनुमति भी दी जाएगी। इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने वाली कंपनियां अपने पास उपलब्ध अतिरिक्त ग्रीन हाइड्रोजन को 30 दिन तक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के पास स्टॉक कर सकेंगी। हालांकि नेशनल हाइड्रोजन पॉलिसी में एक शर्त यह भी रखी गई है कि ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन से जुड़ी ये रियायत उन्हीं कंपनियों को दी जाएगी, जिनके प्रोजेक्ट 30 जून 2025 के पहले शुरू हो जाएंगे।

 

 

 

 

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