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हांगकांग का विवादित प्रत्यर्पण विधेयक वापस लिया जाएगा: लैम

हांगकांग, 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। हांगकांग की नेता ने बुधवार को घोषणा की विवादित प्रत्यार्पण विधेयक को वापस लिया जाएगा। इस विधेयक के चलते शहर में लोकतंत्र के समर्थन में पिछले तीन महीने से रैलियां और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस घोषणा के साथ ही मुख्य कार्यकारी कैरी लैम प्रदर्शनकारियों की पांच प्रमुख मांगों में से एक के आगे झुक गईं। हांगकांग पर चीन के अर्ध स्वायत्त शासन को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए लाखों लोग जून से शहर की सड़कों पर उतरे हुए हैं। विधेयक को वापस लेने से कई महीनों के इनकार के बाद लैम अंततः मान गईं और उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की। गौरतलब है कि यह विधेयक किसी अपराध के संदिग्ध को मुख्य भूमि चीन को प्रत्यर्पित किए जाने की बात कहता था। लैम ने अपने कार्यालय से जारी एक वीडियो में कहा, सरकार लोगों की चिंता का निपटारा करने के लिए औपचारिक तरीके से इस विधेयक को वापस लेगी। स्थानीय मीडिया में लैम के बयान संबंधी शुरुआती खबरों में उम्मीद जताई गई कि प्रत्यर्पण विधेयक को वापस लेने की मांग मानने से यह संकट खत्म हो जाएगा। इन खबरों के बाद हांगकांग का शेयर बाजार दोपहर के कारोबार में लगभग चार प्रतिशत तक उछला। लेकिन ये उम्मीदें बहुत जल्द धूमिल हो गईं जहां लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने अपने अभियान की और मांगों को मानने का दबाव बनाने के लिए अधिक आक्रोश एवं दृढ़ता जताई। एक प्रमुख कार्यकर्ता जोशुआ वोंग ने कहा, बहुत देर से और बहुत कम। वोंग को पिछले हफ्ते पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा, हम दुनिया से इस चाल के प्रति सतर्क रहने और हांगकांग एवं चीन सरकार के बहकावे में नहीं आने की अपील करते हैं। वास्तव में उन्होंने कुछ भी नहीं माना है और पूर्ण कठोर पाबंदी लागू करने की तैयारी में है। ये प्रदर्शन प्रत्यर्पण विधेयक लाने के लैम सरकार के प्रयासों के विरोध में शुरू हुए थे। इस विधेयक को मुख्य भूमि चीन की तुलना में हांगकांग को मिली आजादी के हनन के तौर पर देखा जा रहा था। लाखों लोगों के सड़कों पर उतर जाने के बाद लैम ने विधेयक को पारित कराने के प्रयासों को रोक दिया था लेकिन इसको औपचारिक रूप से वापस लेने से बार-बार इनकार कर प्रदर्शनकारियों को आक्रोशित कर दिया था। संघर्षों के बढ़ जाने के बाद यह आंदोलन एक व्यापक अभियान के तौर पर उभरने लगा जिसमें प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कथित क्रूरता में स्वतंत्र जांच, गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने और प्रदर्शनकारियों को दंगाई कहे जाने का बयान वापस लेने की मांग शामिल की गई। अन्य मांग यह थी कि हांगकांग के लोगों को अपना नेता सीधे चुनने की इजाजत हो। यह मांग चीन को नागवार गुजर सकती है। लैम की ओर से बुधवार को जारी किया गया वीडियो संदेश उनके हालिया बयानों की तुलना में अधिक शांत था। उन्होंने कहा, संघर्षों की जगह बातचीत की जाए और समाधान निकालते हैं। साथ ही उन्होंने समाज की गंभीर समस्याओं का स्वतंत्र रूप से पता लगाने और समीक्षा करने के संबंध में सलाह देने के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजनाओं की भी घोषणा की। हालांकि, उन्होंने चार अन्य प्रमुख मांगों को खारिज करने के अपने कारण दोहराए। स्वतंत्र जांच की अपीलों को खारिज करने के साथ ही उन्होंने कहा कि माफी देना, दंगाई शब्द को वापस लेना या निर्वाचन अधिकार देना संभव नहीं है। ऑनलाइन संदेश मंच गुस्से से भरी टिप्पणियों से पटे पड़े थे जिनमें कहा गया कि विधेयक को वापस लेने से प्रदर्शन खत्म नहीं होंगे। टेलीग्राम ऐप पर बेहद प्रचारित एक संदेश में कहा गया, 1,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया, असंख्य घायल हुए। इसमें कहा गया, पांच प्रमुख मांगें, एक भी कम नहीं। हांगकांग को आजाद करें, अब क्रांति करें। पिछले तीन महीनों में अधिकतर वक्त लैम ने कड़ा रुख अपनाए रखा जिससे वह किसी तरह की छूट देने के लिए अनिच्छुक या अक्षम लगती रहीं।

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