राजनैतिकशिक्षा

गरीबों को रामबाण होगी 60 यूनिट फ्री बिजली

-त्रिलोक कपूर-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

हिमाचल में अंदाजन 22 लाख के लगभग परिवार हैं। बिजली बोर्ड के मुताबिक 4 लाख से कुछ अधिक उपभोक्ता 60 यूनिट प्रति माह से कम बिजली इस्तेमाल करते हैं और इन्हीं सब लोगों को जो बिजली की बचत करते हुए सीमित उपयोग करते हैं, ऊर्जा को बचाते हैं, उन्हें सौगात देते हुए माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शून्य बिल प्रतिमाह का उपहार दिया है। 125 यूनिट तक वर्तमान 1.95 रुपए की दर को कम करके एक रुपए किया है, यानी बिजली के मूल्य से 75 फीसदी छूट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देकर प्रदेश की आधी आबादी का मन मोह लिया है। यह सच में प्रदेश की जनता की सेवा में रामबाण की तरह होगी। वहीं किसानों को मात्र 30 पैसे प्रति यूनिट शुल्क से काफी बड़े वर्ग को लाभ होगा। पूरे भारत में बिजली को लेकर अनेक दल योजना नीति फैसले लेते रहे हैं। दिल्ली में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की भी बड़ी चर्चा रहती है, लेकिन कम ही लोगों को मालूम होगा कि हिमाचल में पन बिजली तो बनती है ही, बिजली उपभोक्ता अपने घर में सोलर पैनल लगा कर अपना बिल के बाद बिजली बोर्ड से ही पैसा कमा कर लाभ अर्जित कर रहा है। हिमाचल में सौर ऊर्जा अन्य राज्यों से अधिक रहती है, लेकिन उसका सदुपयोग वर्तमान सरकार में शुरू हुआ, जब घरों की छत्तों में सौर ऊर्जा के पैनल लगा कर बिजली बोर्ड ऊर्जा का खरीददार उपभोक्ता से ही बन रहा है। यह सत्य है कि हिमाचल में पनबिजली के दोहन हेतु बड़े प्रयास करने पड़ेंगे। अभी जयराम ठाकुर की सरकार ने दूसरी औद्योगिक मीट में ग्राउंड ब्रेकिंग करते हुए रेणुका, धौलासिद्ध और लुहरी पनबिजली योजनाओं में कदम आगे बढ़ाए, लेकिन बहती नदी और बांध, दोनों की अर्थव्यवस्था के अलग-अलग प्रभाव-दुष्प्रभाव हैं। यह बहस बाद में विशेषज्ञों के साथ जरूर करेंगे, लेकिन सौर ऊर्जा को उपभोक्ताओं से जोड़ कर हिमाचल की जनता के वास्तविक हक को दिलवाने के काम की नींव जयराम ठाकुर की सरकार ने रखी है।

बिजली की रॉयल्टी को लेकर जब पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने हिमाचल अधिकार यात्रा निकाली थी तो हिमाचल वासियों को उस समय लगता था कि रॉयल्टी मिलते ही हमें बिजली सस्ती या मुफ्त मिलेगी। शांता कुमार जी के बाद भाजपा की प्रेम कुमार धूमल की सरकार ने पूरे देश के बिजली बोर्डों की तुलना में सबसे सस्ती बिजली की दरें कर दी। लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने फिर मीटर रेंट को बढ़ा कर कान को घुमा कर पकड़ने की शुरुआत की। धूमल सरकार ने बिजली बोर्ड के सुधारों के लिए कई काम किए। ट्रांसमिशन लॉस यानी बहती हुई बिजली में कई प्रकार के नुकसान हो रहे थे, उसे रोकने के लिए ट्रांसमिशन की उचित रखरखाव के लिए अलग इदारा बनाया गया ताकि नुकसान से बचा जा सके। गर्मियों और सर्दियों में बिजली खरीदने-बेचने के लिए अलग-अलग राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। लेकिन दूसरी तरफ बिजली बोर्ड में फील्ड स्टाफ की कमी होती जा रही थी। बिजली जाने की शिकायतों को सुनने वाले भी नहीं थे। जयराम ठाकुर ने 795 टी-मेट को नौकरी देकर बहुत बड़ा काम किया। दिल्ली में बिना योजना के 300 यूनिट फ्री देकर बिजली की आंख मिचैली देश ने देखी है। दिल्ली अब इन्वर्टर का महानगर बन गया है। वास्तव में केजरीवाल की इन्वर्टर कंपनी से फंडिंग मिलने के अपुष्ट समाचार भी लोगों की जुबान पर हैं। वहीं हिमाचल में बिजली 24 घंटे मिलती है। फाल्ट पड़ते ही 30 मिनट में ठीक किया जाता है। हिमाचल में 60 यूनिट मुफ्त, 125 यूनिट तक सस्ती बिजली, सोलर पैनल लगे घरों में बिजली की खरीद होने के बाद निर्बाध बिजली मिलना सुशासन की निशानी है। याद करें तो उत्तरी ग्रिड खराब होने से 2013 व 2017 में अंतिम बार कांग्रेस सरकार में 18 घंटे व 4 घंटे का लंबा कट हिमाचल में लगा था, लेकिन अब यह बातें पुरानी हो गई हैं। इस बार तो शिमला में इतनी बर्फबारी के बाद भी बिजली आपूर्ति सामान्य बनाए रखी। लेकिन चुनौतियां कहां कम हैं। वर्तमान हिमाचल सरकार केंद्र के सहयोग से डट कर सामना कर रही है। बहुत पुराने बिजली के नेटवर्क को नया करने का बीड़ा उठाया है। सब स्टेशनों की संख्या जहां 25 प्रतिशत इसी कार्यकाल में बढ़ी है। हिमाचल बिजली सरप्लस राज्य है। यहां हम और बिजली पैदा कर अपने लोगों को राहत दे सकते हैं।

यह बात जयराम ठाकुर ने महसूस की। उन्होंने महसूस किया कि गरीब परिवार में कैसे बिजली के बिल को देने के लिए संघर्ष किया जाता है। उन्होंने महसूस किया कि बचपन में खुद उन्होंने बिजली के बिना कैसे पढ़ाई की है, और 25 जनवरी 2022 को ऐतिहासिक घोषणा कर हिमाचल वासियों का दिल जीत लिया। हिमाचल वासी भी इसके पात्र हैं। हिमाचल का गरीब कभी बिजली की चोरी नहीं करता। हिमाचल के नागरिक कोई कुंडी लगा कर अपराध नहीं करते। जयराम ठाकुर यहीं नहीं रुके। उन्होंने ग्राम पंचायत और नगर निगम की एनओसी के बिना भी नया बिजली कनेक्शन मिलने की घोषणा भी अब कर दी है। इसके अतिरिक्त 20 किलोवाट से कम क्षमता के घरेलू बिजली कनेक्शन लेने के लिए पहचान पत्र और संपत्ति के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र ही बोर्ड को देने होंगे। बिजली सुधारों की शुरुआत के लिए भी भाजपा सरकार का यह कार्यकाल जाना जाएगा। अभी तो यह शुरुआत है। जयराम ठाकुर के अनुभव, शैली, कार्यप्रणाली, सादगी और साफगोई से हिमाचल विकास की नई इबारतें लिखने को अब तैयार है। हिमाचल मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, मुफ्त बिजली देने वाला अग्रणी और हर क्षेत्र में उन्नति करने वाला राज्य बन गया है। अस्पताल में 56 टेस्ट मुफ्त, हिम केअर में 5 लाख तक इलाज मुफ्त, गृहिणी योजना में गैस के दो सिलेंडर-चूल्हा मुफ्त, इसके बाद वृद्धावस्था पेंशन, बीमार लोगों को सहारा योजना के साथ सामाजिक कल्याण की योजनाओं में पात्र सीमा 35 हजार से 50 हजार करने से भी प्रदेश की जनता का विश्वास सरकार पर बढ़ा है।

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