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एनआरसी से बाहर किये गए लोग अधिकरणों का रूख करने के लिए पा सकते हैं विस्तारित समय

नई दिल्ली, 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किये गए हैं, उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता को साबित करने के लिए अधिकरण का रूख करने के वास्ते अतिरिक्त समय मिल सकता है। दरअसल, असम के बाशिंदों की सूची से उनके नाम बाहर करने के कारणों का जिक्र करते हुए प्रमाणपत्र जारी किया जाना अभी बाकी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार द्वारा जारी नये दिशानिर्देशों के मुताबिक अंतिम एनआरसी से बाहर किया गया कोई व्यक्ति असम में स्थापित 300 विदेशी (नागरिक) अधिकरणों में किसी एक का रूख 31 अगस्त से 120 दिनों के अंदर कर सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि चूंकि उनके नाम पंजी से बाहर किये जाने के कारणों का जिक्र करते हुए एनआरसी अधिकारियों द्वारा उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाना अभी बाकी है, ऐसे में यह संभावना है कि एनआरसी समन्वयक उच्चतम न्यायालय का रूख कर एक विस्तारित अवधि की मांग कर सकते हैं। पंजी से नाम बाहर किये जाने को चुनौती देने के लिए अधिकरण का रूख करने के वास्ते यह प्रमाणपत्र जरूरी है। अधिकारी ने कहा कि एनआरसी डेटा की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने का एनआरसी समन्वयक को दिया गया शीर्ष न्यायालय का निर्देश प्रमाणपत्र जारी करने में हो रही देर का कारण है। उन्होंने कहा कि पूर्ण एनआरसी डेटा की पूरी सुरक्षा के बाद ही एनआरसी समन्वयक उच्चतम न्यायालय का रूख करेंगे। शनिवार को जारी अंतिम एनआरसी के मुताबिक 3.3 करोड़ आवेदकों में 3.11 को सूची में शामिल किया गया है, जबकि 19 लाख लोगों के नाम इसमें नहीं हैं। असम सरकार ने घोषणा की है कि वह वास्तविक भारतीय नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने में मदद करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी और गरीबों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगी। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी कहा है कि एनआरसी में किसी का नाम नहीं होने का यह मतलब नहीं है कि वह स्वतः ही एक विदेशी नागरिक हो गया है, बल्कि इस बारे में फैसला उपयुक्त कानूनी प्रक्रिया के बाद विदेशी नागरिक अधिकरण ही कर सकता है।

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