कोविड-19 की आड़ में दिल्ली के शमशान घाटो पर सरेआम कालाबाजारी
-: विजय कुमार भारती :-
-: सक्षम भारत :-
नई दिल्ली । कोरोना वायरस के संक्रमण से सैकड़ो मौते दिल्ली में दिन प्रति दिन हो रही है, वहीं दिल्ली के शमशान घाटों पर शव के दाह संस्कार के लिए मनमाने पैसे लेकर कालाबाजारी सरेआम की जा रही है। उत्तरी-दिल्ली नगर निगम के शमशान घाट नाॅगलोई 4 नम्बर, विजय विहार व अन्य में लकड़ी की किमत से लेकर अस्थियां लगाने और दाह संस्कार कराने वाले पंडित की पफीस, सेवा दार शुल्क, ठेली शुल्क, पफुल चुनने का शुल्क और सापफ-सपफाई के नाम पर चार गुना रूपये लेकर आमजन को लूटा जा रहा है, ओर तो ओर शवो के दाह संस्कार के लिए पहले आओ के आधर पर 1000 से लेकर 5000 हजार तक की दलाली करके शवो का दाह संस्कार किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और शमशान घाट चलाने वाली समितियों ने लकड़ीयों से लेकर अन्य सामनों के लिए शमशान घाटों में सम्बन्ध्ति बोर्ड भी लगाऐं हुऐ है, परन्तु दिल्ली के शमशान घाटो पर कोरोना वायरस की आड़ में लोगो को सरेआम ठगा जा रहा है। दिल्ली के शमशान घाटों पर सुबह सात बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक शवों का ढैर लग रहा है और छोटे बड़े शमशान घाटो पर 25 से लेकर 100 शवों का दाह संस्कार किया जाता है, लेकिन इस भारी आपदा में प्रतिदिन हजारो शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है और इसी भारी आपदा में लोगो को 2 टाईम की रोटी तो नसीब हो नही रही लेकिन उत्तरी-दिल्ली नगर निगम के नांगलोई 4 नंम्बर, विजय विहार व अन्य शमशान घाटो में शव दाह संस्कार में मज़बूर लोगो से हजारो रूपये देने पढ़ रहे है। लकड़ी के सरकारी दाम से तीन गुना ज्यादा रूपये देकर लकड़ी खरीदनी पढ़ रही है। वहीं पंडित, ठेली, पफुल चुनने, सापफ-सपफाई व अन्य के भी तेह से ज्यादा तीन गुना रूपये देकर सरेआम कालाबाजारी की जा रही है। ऐसा नहीं है कि उत्तरी-दिल्ली नगर निगम स्वास्थ्य विभाग और शमशान घाट चलाने वाली समितियों को इसकी जानकारी नहीं है, सब जानकारी होने पर भी चिताओ पर दलाली सरेआम कराई जा रही है। उत्तरी-दिल्ली नगर निगम के नाॅगलोई 4 नम्बर, विजय विहार मंे दाह संस्कार के लिए 2 से 3 दिन का समय लग रहा है, उसका एक मुख्य कारण यह है कि इस भारी आपदा में सैकड़ो की संख्या में मौते हो रही है और दुसरा कारण यह भी है कि उत्तरी-दिल्ली नगर निगम के आने वाले ग्रामीण क्षेत्रो के शमशान घाटों को वहां के गांव वाले अपनी बपौती समझते है, ग्रामीण क्षेत्रो के नजदीक बसी जे.जे. और अनाध्किृत काॅलोनी में लाखों की संख्या में प्रवासी मज़दूर, किराये दार रहते है और उनमें भारी रोष है, कि उत्तरी-दिल्ली नगर निगम स्वास्थ्य विभाग इन ग्रामीण क्षेत्रों के शमशान घाटो को अपने संरक्षण में लेकर तत्काल कार्यवाही करे और किरायेदारो व मज़दरो का दाह संस्कार करने जिम्मेदारी ले।