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चिकित्सकीय ऑक्सीजन का पर्याप्त बफर भंडार सुनिश्चित करेंः केंद्र ने राज्यों से कहा

नई दिल्ली, 12 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। देश में कोविड-19 मामलों में ष्खासा इजाफाष् देखते हुए, केंद्र ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उन्हें संबंधित विभागों को कम से कम 48 घंटे के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का पर्याप्त अतिरिक्त भंडार (बफर स्टॉक) सुनिश्चित करने और ऑक्सीजन नियंत्रण कक्षों को फिर से मजबूत करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उभरता परिदृश्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सीय ऑक्सीजन की इष्टतम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से तत्काल उपाय करने की मांग करता है।

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि ऑक्सीजन थेरेपी सेवाएं प्रदान करने वाले निजी स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन किया जा सकता है और उनकी चिकित्सीय ऑक्सीजन अवसंरचना क्षमताओं का पता लगाने की आवश्यकता है।

उन्होंने सलाह दी कि मांग के चरम पर रहने के दौरान निजी क्षेत्र की क्षमता का लाभ लेने के लिए एक संभावित रणनीति एवं तंत्र विकसित किया जा सकता है।

भूषण ने रेखांकित किया कि स्वास्थ्य केंद्रों में तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंक पूरी तरह से भरे होने चाहिए और उनको दोबारा भरने के लिए निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि देश भर में प्रेशर एडजॉर्प्शन स्विंग (पीएसए) संयंत्रों के साथ स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इन पीएसए संयंत्रों को पूरी तरह क्रियाशील रखा जाए।

भूषण ने कहा, “ऐसे संयंत्रों के उचित रख-रखाव के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए।” उन्होंने कहा, “रोगी देखभाल और ऑक्सीजन चिकित्सा प्रदान करने वाले सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कम से कम 48 घंटे के लिए पर्याप्त चिकित्सीय ऑक्सीजन का अतिरिक्त भंडार होना चाहिए।”

भूषण ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बैकअप भंडार और मजबूत पुनः भरण प्रणाली के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त सूची होनी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन सिलेंडरों को भरकर तैयार रखा जाए।

उन्होंने कहा, “सभी जिलों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनको आपूर्ति किए गए ऑक्सीजन सांद्रक पूरी तरह क्रियाशील हैं। उनका उचित रख-रखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”

सभी उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों में जीवन रक्षक उपकरण होने चाहिए जिनमें वेंटिलेटर, बीपीएपी, एसपीओ2 प्रणाली और संबंधित उपभोग्य वस्तुएं शामिल हों ताकि उभरती जरूरतों को पूरा किया जा सके।

उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन वितरण उपकरणों और अन्य उपकरणों का उपयोग करते समय सभी संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल अपनाए जाने चाहिए।

भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सभी ऑक्सीजन वितरण उपकरणों और अन्य उपकरणों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने और सभी केंद्रों पर पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित एचआर की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए कहा।

सलाह के मुताबिक, अगले कुछ दिनों के भीतर ऑक्सीजन प्रबंधकों का प्रशिक्षण पूरा किया जाना चाहिए।

 

 

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