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रविदास मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, दोबारा मूर्ति स्थापित करने की मांग

नई दिल्ली, 27 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली के तुगलकाबाद में विवादित रविदास मंदिर तोड़े जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि पूजा का अधिकार संवैधानिक अधिकार है. लिहाजा पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए. याचिका में यह भी मांग की गई है कि मूर्ति फिर से स्थापित की जाए और मंदिर का पुनर्निर्माण भी किया जाए.

इससे पहले तुगलकाबाद में ढहाए गए संत रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी ज्ञापन भेजा जा चुका है. उत्तर प्रदेश के बांदा में कचहरी में एक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने मंदिर ढहाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया था और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. मोस्ट युवा जागृति संस्थान के मंडलीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप सिंह की अगुवाई में प्रदर्शन के बाद नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया.

इस सामाजिक संगठन ने राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य दिए, जिसकी वजह से अदालत ने मंदिर ढहाने का आदेश दिया. सरकार को चाहिए कि अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर कर सरकारी खर्चे पर उसी स्थान में मंदिर का निर्माण कराए, ताकि देश में एकता और अखंडता बनी रहे.

हाल ही में दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ दलित समाज के लोगों ने पिछले हफ्ते रामलीला मैदान में बड़ा प्रदर्शन किया था. आंदोलन के बाद इलाके में हिंसा और आगजनी की घटना भी हुई. हिंसा के मामले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर समेत 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किए गए चंद्रशेखर का दावा था कि उन्हें साजिश में फंसाया गया. पुलिस ने दावा किया कि हिंसा में लगभग 90 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

मंदिर तोड़े जाने पर जमकर राजनीति भी हो रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में पिछले दिनों कहा कि हमें 4 एकड़ जमीन दो, हम 100 एकड़ जमीन दिल्ली डेवलपमेंट अथारिटी (डीडीए) को देंगे. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार डीडीए को बदले में जमीन देगी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जमीन फौरन मंदिर के लिए दी जानी चाहिए. पूरे देश का फॉरेस्ट उसी जगह पर बनेगा क्या.

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