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तटीय राज्य आपदा के दौरान बचाव कार्य की योजना में तेजी लाएं: आईसीजी प्रमुख

नई दिल्ली, 25 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के महानिदेशक के नटराजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अब भी आपदा से निपटने के लिए राहत कार्य की योजना को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इसके साथ ही उन्होंने इसे तुरंत अंतिम रूप देने की जरूरत को रेखांकित किया।

19वें एनएमएसएआरबी (राष्ट्रीय नौवहन तलाश और बचाव बोर्ड) की यहां आयोजित बैठक में नटराजन ने कहा कि वर्ष 2017 में 16वें एनएमएसएआरबी की बैठक में फैसला किया गया था कि सभी तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आईसीजी द्वारा दिए गए प्रारूप के आधार पर आपदा के दौरान बड़े पैमाने पर बचाव कार्य की स्थानीय स्तर पर योजना बनाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मुझे सूचित किया गया है कि कुछ राज्यों द्वारा अब भी योजना को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।’’ नटराजन ने कहा, ‘‘ मैं इस अवसर का इस्तेमाल (राज्य) प्राधिकारियों से अनुरोध करने के लिए करना चाहूंगा कि वे जल्द योजना को अंतिम रूप दें क्योंकि यह आपदा के दौरान राहत अभियान में सहायक होगा।’’

गौरतलब है कि एनएमएसएआरबी में विभिन्न मंत्रालयों, एजेंसियों, सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 31 सदस्य होते हैं। इसकी बैठक हर साल होती है जिसमें नीतिगत मुद्दों, प्रक्रिया पर चर्चा होती है और ‘‘राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव योजना’’ के प्रभाव का आकलन किया जाता है।

नटराजन ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने आईसीजी की तलाश और बचाव सेवा को मजबूत करने के लिए और 29 नौवहन राहत उप केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

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