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यूपी में ऐलान के बाद, गुजरात, उत्तराखंड और दिल्ली में चुनाव लड़ने की तैयारी में एआईएमआईएम

नई दिल्ली, 24 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अब गुजरात, उत्तराखंड और दिल्ली में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

एआईएमआईएम के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमुल हफीज ने आईएनएस से बातचीत में कहा, उत्तरप्रदेश में तो पार्टी औपचारिक ऐलान कर ही चुकी है विधानसभा चुनाव लड़ने का। इसके बाद अब पार्टी गुजरात में भी आंतरिक सर्वेक्षण कर रही है कि कितनी सीटों पर पार्टी का जनाधार बनाया जा सकता और उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं।

गौरतलब है कि गुजरात में दो ध्रुवीय राजनीति है जहां कई सालों से सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस की बीच ही मुख्य मुकाबला होता आया है। पिछले दिनों एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात का दौरा भी किया था। इसके बाद उन्होंने कहा था कि एआईएमआईएम गुजरात विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगी और कोशिश ये भी होगी कि एआईएमआईएम के कुछ सदस्य जीतकर विधानसभा पहुंचें।

कलीमुल हफीज के मुताबिक उनकी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष साबिर कबलिवाला से पार्टी अध्यक्ष ने इस बारे में जानकारी मांगी है कि कितनी सीटों पर उम्मीदवार मजबूती से टक्कर दे सकते हैं।

वहीं दिल्ली को लेकर कलीमुल ने बताया कि प्रदेश में 2022 में नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव होने हैं, पार्टी इस बार निगम के लिए 272 में से 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। पार्टी 25 से 30 प्रतिशत का टारगेट लेकर चल रही है और अगर एमसीडी के परिणाम सन्तुष्टिजनक रहे तो पार्टी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी। एआईएमआईएम दिल्ली के मुस्लिम समाज के लिए एक व्यावहारिक विकल्प बनेगी, क्योंकि आम आदमी पार्टी ऐसा करने में विफल रही और कांग्रेस अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों पर प्रतिबद्ध नहीं है। दिल्ली में एआईएमआईएम अनुसूचित जाति समुदाय के साथ गठबंधन करने और राष्ट्रीय राजधानी में दलित-मुस्लिम गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम देशभर में पार्टी का विस्तार कर रही है। तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र, बिहार तक पहुंची, अब यूपी-गुजरात और दिल्ली में चुनाव की तैयारी कर रही है साथ ही उत्तराखंड के लिए भी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वहीं फिलहाल पंजाब और गोवा में चुनाव लड़ने का कोई विचार नहीं है।

उत्तराखंड के आईएमआईएम अध्यक्ष डॉ.नय्यर काजमी के अनुसार, ओवैसी अगले कुछ दिनों में राज्य का दौरा भी करेंगे। काजमी के मुताबिक उत्तराखंड की 70 में से 22 विधानसभा सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि एआईएमआईए उत्तर-प्रदेश में लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, और मुस्लिम बेल्ट में पैठ बनाने के प्रयास में जुटी है। बिहार में विधानसभा 5 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद बिहार में भी महागठबंधन की हार का एक प्रमुख कारण बन कर सामने आई थी। हालांकि एआईएमआईए पश्चिम बंगाल में ज्यादा कुछ नहीं कर पाई थी क्योंकि अल्पसंख्यकों ने तृणमूल कांग्रेस को वोट दिया था।

 

 

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