बिजली संशोधन विधेयकः बिजली क्षेत्र के कर्मचारी, इंजीनियर तीन अगस्त से चार दिवसीय ‘सत्याग्रह’ करेंगे
लखनऊ, 02 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। बिजली क्षेत्र के कर्मचारी और इंजीनियर बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के खिलाफ मंगलवार से नई दिल्ली के जंतर मंतर पर चार दिवसीय सत्याग्रह करेंगे।
अखिल भारतीय विद्युत इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने यहां कहा कि बिजली कर्मचारी एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर विद्युत (संशोधन) विधेयक को पारित करने की केंद्र सरकार की एकतरफा घोषणा के खिलाफ बिजली कर्मचारी संसद के चालू मानसून सत्र में ‘सत्याग्रह’ करेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तरी क्षेत्र के बिजली कर्मचारी तीन अगस्त को, पूर्वी और पूर्वोत्तर के कर्मचारी चार अगस्त को, पश्चिमी क्षेत्र के कर्मचारी पांच अगस्त को और दक्षिणी क्षेत्र के छह अगस्त को सत्याग्रह में भाग लेंगे।
दुबे ने कहा कि वे संसद में विधेयक पारित कराने के केंद्र सरकार के एकतरफा रुख के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के कई प्रावधान जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी हैं और यदि इसे लागू किया जाता है, तो इसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे।
कर्मचारी नेता ने कहा कि विधेयक को संसद में जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए और इसे संसद की ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के पास भेजना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि विधेयक को संसद में रखने से पहले उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों सहित बिजली क्षेत्र के मुख्य हितधारकों को अपने विचार देने का उचित मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में चार दिन के सत्याग्रह के बाद करीब 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर 10 अगस्त को पूरे देश में एक दिन की हड़ताल या काम का बहिष्कार करेंगे।
दुबे ने कहा कि यदि सरकार 10 अगस्त से पहले विधेयक पेश करती है, तो सभी बिजली कर्मचारी और इंजीनियर उसी दिन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिस दिन विधेयक पेश किया जाएगा।