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नवजोत सिंह सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने लगाई मुहर

नई दिल्ली, 19 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके अलावा सोनिया गांधी ने चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। जिनमें संगत सिंह, सुखविंदर सिंह, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा का नाम शामिल है। बता दें कि इससे पहले सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद को संभाल रहे थे। इससे पहले पीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोमवार को पार्टी विधायकों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। रविवार को जारी बयान में जाखड़ ने कहा कि सभी विधायकों और जिलाध्यक्षों की होने वाली बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसमें कहा जाएगा कि पंजाब के संदर्भ में पार्टी नेतृत्व द्वारा लिया गया कोई भी फैसला पूरी राज्य इकाई को मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा जाएगा। मालूम हो कि सिद्धू ने जाखड़ से उनके आवास पर मुलाकात की थी और निवर्तमान पीपीसी अध्यक्ष को ‘‘अपना बड़ा भाई और मार्गदर्शक’’ बताया था। उन्होंने कई अन्य पार्टी विधायकों और मंत्रियों से भी मुलाकात की थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जारी टकराव के बीच सिद्धू ने रविवार को पटियाला, खन्ना और जालंधर में पार्टी के विधायकों से मुलाकात की जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सिद्धू ने सबसे पहले घनौर के विधायक मदन लाल जलालपुर से उनके आवास पर मुलाकात की। जलालपुर के आवास पर कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहरा और दर्शन बराड़ भी मौजूद रहे। सिद्धू ने शूतराना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्मल सिंह से भी मुलाकात की। बाद में उन्होंने खन्ना के विधायक गुरकीरत सिंह कोटली और पायल के विधायक लखवीर सिंह लाखा से मुलाकात की। नवजोत सिंह सिद्धू के पॉलिटिकल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 2004 के आम चुनाव में बीजेपी के टिकट से अमृतसर से चुनाव जीता था। 2009 में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी। लेकिन साल 2014 में उन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया और 2016 में सिद्धू को राज्यसभा भेजा गया। बाद में उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। 2017 में सिद्धू कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अमृतसर पूर्व सीट से जीत दर्ज की। उन्हें अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री बनाया गया। 2019 में सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। तब से लेकर अब तक सिद्धू लगातार पंजाब में अपनी पार्टी की सरकार और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमलावर रह रहे थे।

 

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