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यूरो 2020: फाइनल की राह में आमने सामने चिर प्रतिद्वंद्वी इटली और स्पेन

लंदन, 06 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। यूरोपीय फुटबॉल में इनकी आपसी प्रतिद्वंद्विता का पुराना इतिहास रहा है और एक दूसरे की राह में दोनों बाधा बनते आये हैं। एक बार फिर फाइनल की राह में इटली और स्पेन आमने सामने होंगे तो दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों की नजरें इस मुकाबले पर टिकी रहेंगी जिसमें इतालवी डिफेंस का सामना स्पेन के आक्रमण से होगा।

खतरनाक, रक्षा में मजबूत और हर तरह से जीत को लालायित इतालवी टीम स्पेन के लिये दहशत का पर्याय साबित होती आई है। स्पेन के कोच लुई एनरिक को इसका बखूबी अहसास है। एनरिक 1994 विश्व कप की स्पेन की टीम का हिस्सा थे जिसे क्वार्टर फाइनल में इटली ने एक गोल से हराया था। राबर्टो बेजियो ने 88वें मिनट में वह गोल किया था जब इतालवी डिफेंउर माउरो तासोत्ती ने एनरिक के चेहरे पर कोहनी मार दी थी।

इसके बावजूद माउरो को रेडकार्ड नहीं मिला लेकिन बाद में आठ मैच का प्रतिबंध लगा दिया गया। स्पेन उस पल को आज तक भूला नहीं है और ना ही उसके कोच। एनरिक की नाक से खून बह निकला था और पूरा सफेद तौलिया लाल हो गया था। दोनों टीमों के बीच हर मुकाबले से पहले उस घटना का जिक्र आता है और स्पेन के फुटबालप्रेमियों का खून खौल जाता है।

वेम्बले स्टेडियम पर मंगलवार को यूरो 2020 सेमीफाइनल में जब दोनों टीमें आमने सामने होंगी तो ये वाक्या जरूर खिलाड़ियों के जेहन में होगा।

एनरिक ने कहा ,’’ हमने इस बारे में कई बार बात की है लेकिन वह बीती बात है। वह फुटबॉल के इतिहास का हिस्सा है। इससे ज्यादा कहने के लिये कुछ नहीं है।’’

इतालवी क्लब रोमा के साथ 2011 . 12 सत्र बिताने वाले एनरिक के जख्म शायद भर चुके हैं और उन्होंने इटली को माफ भी कर दिया हे। उन्होंने कहा ,’’ मुझे वह देश पसंद है। फुर्सत मिलने पर मैं हमेशा इटली जाता हूं।

स्पेन के फुटबॉलप्रेमियों की राय लेकिन अलग है।

88 साल तक स्पेन ने किसी प्रतिस्पर्धी मैच में इटली को नहीं हराया। यह सिलसिला 2008 में टूटा जब स्पेन ने यूरो क्वार्टर फाइनल में इटली को पेनल्टी शूटआउट में स्पेन ने हराया। इसी साल स्पेन ने 44 साल में पहला यूरो खिताब जीता।

चार साल बाद स्पेन ने 4 . 0 से इटली को हराकर खिताब अपने नाम किया। पांच साल पहले हालांकि इतालवी टीम ने स्पेन को हराकर उसकी खिताब बरकरार रखने की उम्मीदें तोड़ दी।

लगातार चैथी बार दोनों का सामना होगा लेकिन यह मैच अलग होगा। राबर्टो मंचिनी के आने के बाद से इटली की शैली में बदलाव आया है। रक्षा पर फोकस हमेशा की तरह है लेकिन अब आक्रमण को भी अनदेखा नहीं किया जा रहा।

स्पेन के पास ऐसी टीम है जिसमें खिलाड़ियों की औसत उम्र 24 साल है। एनरिक का मानना है कि उनकी युवा टीम ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन किया है और अगले मैच में इस लय को कायम रखेंगे।

 

 

 

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