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न्यायालय का निजी स्कूलों को वार्षिक शुल्क की अनुमति देने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार

नई दिल्ली, 28 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को वार्षिक, विकास शुल्क लगाने की अनुमति दी गयी थी।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) की उस दलील से सहमत नहीं हुई कि छात्रों के अभिभावकों को राहत देने के लिए अधिसूचना रद्द करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगाई जाए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली सरकार उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष ये सभी दलीलें रख सकती है, क्योंकि यहां याचिका को गुण-दोष के आधार पर खारिज नहीं किया गया है।

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 31 मई को दिल्ली सरकार के डीओई द्वारा जारी अप्रैल और अगस्त 2020 के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसके जरिए वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क के संग्रह पर रोक लगायी गयी थी। दिल्ली सरकार ने एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष अपील दाखिल की।

 

 

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