राजनैतिकशिक्षा

चिकित्सक से चिकित्सा कार्य ही लेने के योगी सरकार के निर्णय से बदलेंगे हालात

-अशोक मधुप-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। निर्णय है कि अब सरकारी चिकित्सक सिर्फ चिकित्सा कार्य ही करेंगे। उनसे प्रशासनिक कार्य नहीं लिया जाएगा। प्रशासनिक कार्य के लिए अब एमबीए युवा रखे जाएंगे। यह एक बड़ा निर्णय है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। आज यह चिकित्सा क्षेत्र में लागू किया जा रहा है। आगे कृषि, शिक्षा और तकनीकि सेवाओं में भी लागू होगा। इस व्यवस्था की लंबे समय से मांग चल रही थी।

चिकित्सकों की कमी से जूझ रही उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा को इस निर्णय से बड़ी राहत मिलेगी। प्रशासनिक कार्य में मुक्ति पाकर चिकित्सक अब सिर्फ अपना कार्य ही करेंगे। अब तक व्यवस्था यह है कि सीनियर चिकित्सक प्रशासनिक कार्य देखता है। वह ही अस्पताल की व्यवस्था देखता है, वह ही सीएमएस और डिप्टी सीएमओ, सीएमओ, डिप्टी डाइरेक्टर, डाइरेक्टर आदि बनता है। वह ही प्रशासनिक कार्य करता है। चिकित्सा कार्य की जगह अब उसका कार्य मीटिंग करना, व्यवस्था देखना, शिकायत सुनना और उनकी जांच करने तक रह जाता है। शासन के आदेश का पालन और मांगी गई जानकारी देने तथा पत्रों के जवाब में ही पूरा दिन लग जाता है।

इस आदेश से अब ऐसा नहीं होगा। ये अपना चिकित्सा कार्य करेंगे। प्रशासनिक कार्य के लिए अब एमबीए तैनात किए जांएगे। सीनियर चिकित्सक प्रशासनिक कार्य संभालने के बाद अपना चिकित्सा कार्य लगभग छोड़ देते हैं। वे चिकित्सा कार्य करना चाहते हैं किंतु प्रशासनिक कार्य में मरीजों को देखने के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। प्रशासनिक पद पर आने तक उनका काफी लंबा अनुभव हो जाता है। जरूरत ये ही कि वह अपना पुराना कार्य ही करें। इससे वे नए डॉक्टर के मुकाबले मरीज को ज्यादा लाभ दे सकते हैं। पर ऐसा होता नहीं। प्रशासनिक कार्य कोई भी कर सकता है। इसके लिए अलग से स्टाफ होना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय से दो लाभ होंगे। प्रशासनिक कार्य में अब तक प्रदेश भर में लगभग सात सौ से एक हजार के आसपास सीनियर चिकित्सक लगे होंगे। एक झटके में हमें इतने योग्य चिकित्सक मिल जाएंगे। इनकी जगह एमबीए रखे जाएंगे। इस प्रकार प्रदेश के एक हजार के आसपास एमबीए युवाओं को रोजगार मिल जाएगा।

बहुत समय से मांग की जा रही है कि बिजली, सिंचाई, कृषि और शिक्षा, तकनीकि शिक्षा आदि में विशेषज्ञों की कमी देखते हुए तकनीकि स्टाफ से प्रशासनिक कार्य न लिया जाए। इसके लिए अलग से स्टाफ रखा जाए। बिजली विभाग के वरिष्ठ इंजीनियर, सिंचाई विभाग का तकनीकि स्टाफ और इंजीनियर अपना काम करें। प्रशासनिक कार्य के मुकाबले वह अनुभवी होने के कारण अपना कार्य ज्यादा बेहतर कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ कृषि की नई योजनाएं बनाने और नई रिसर्च पर ज्यादा बेहतर काम कर सकते हैं। प्रशासन का काम देखने के लिए अलग से अधिकारी होने चाहिए। विभागों के सीनियर विशेषज्ञों से प्रशासनिक कार्य लेकर उनकी प्रतिभा को क्षति पहुंचाई जाती है। ऐसा ही शिक्षा में हो, शिक्षक अपना काम करें। व्यवस्था देखने को प्रशासनिक अधिकारी अलग से हों। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होंगे। प्रशासनिक कार्य से विशेषज्ञों को मुक्तकर उनसे उनका कार्य लिया जाएगा। इनकी जगह पर एमबीए रखे जाने से खाली घूम रहे एमबीए युवाओं को रोजगार मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *