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26 मई को मध्यप्रदेष में घटित होगी उपछाया चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना

-सारिका घारू-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

ग्रहण के दिखने या न दिखने का कारण पृथ्वी की गति में परिवर्तन नहीं-सारिका घारू इंटरनेट के इस युग में भी ग्रहण के वैज्ञानिक तथ्यों पर लग रहा है ग्रहण-सारिका घारू ग्रहण दिखना एवं ग्रहण घटित होना दो अलग-अलग तथ्य हैं- सारिका घारू 26 मई बुद्धपूर्णिमा को दिखने जा रहा चांद बेहद खास होगा। पूनम का यह चांद पृथ्वी के अलग-अलग भागों में अलग-अलग रूपों में देखा जायेगा। आस्टेलिया में पूर्ण चंद्रग्रहण टोटल लुनार इकलिप्स के कारण ब्लडमून के रूप में देखा जायेगा। भारत के पूर्वीराज्यों में अंांषिक पार्षियल लुनार इकलिप्स और मध्यप्रदेष में उपछाया चंद्रग्रहण पेनुम्ब्रल लुनार इकलिप्स को चंद्रोदय के समय कुछ मिनिट के लिये खगोलीय घटना होगी। नेषनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि मध्यप्रदेष में पूर्वी जिले सिंगरौली , रीवा , अनूपपुर में उपछाया चंद्रग्रहण चंद्रोदय के बाद लगभग 35 मिनिट तक घटित होगा तो भोपाल में लगभग 17 मिनिट , पष्चिमी जिलों झाबुआ में 6 मिनिट तो नीमच में 3 मिनिट तक उदित होते चंद्रमा पर उपछाया चंद्रग्रहण रहेगा। क्या पृथ्वी की गति में अंतर आ जाने से नहीं दिखेगा ग्रहण- सारिका ने मॉडल की मदद से समझाया कि चंद्रग्रहण को पूरी पृथ्वी से एक साथ नहीं देखा जा सकता। पृथ्वी तो नियत गति से घूम रही है। ग्रहण को केवल पृथ्वी के उस भाग से देखा जा सकता है जहां शाम या रात्रि है। चूंकि ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दिन में 2 बजकर 17 मिनिट से आरंभ होगा तथा 4 बजकर 48 मिनिट पर पूर्ण ग्रहण की स्थिति में होगा। इस समय हमारा भूभाग सूर्य के सामने होगा अर्थात यहां दिन होगा। शाम 7 बजकर 19 मिनिट पर ग्रहण समाप्त हो जायेगा। देष का वह पूर्वी भूभाग जो शाम के समय सूर्य से आगे बढ़कर चंद्रमा की ओर जाता जायेगा वहां समाप्त होता हुआ उपछाया ग्रहण दिखेगा। शाम 7 बजकर 19 मिनिट के बाद जो नगर चंद्रमा के सामने आयेंगे वहां ग्रहण नहीं होगा। इसलिये पृथ्वी की गति में अंतर आ जाने को ग्रहण न दिखने का कारण बताना गलत तथ्य है। क्यों होता है चंद्रग्रहण- सारिका ने बताया कि सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाने से चंद्रमा पर पृथ्वी की परछाई ़पड़ने लगती है जिससे उसका चमकना कम हो जाता है। इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है। यह पूर्ण, आंषिक एवं उपछाया चंद्रग्रहण हो सकता है। ग्रहण दिखना एवं ग्रहण घटित होना दो अलग-अलग तथ्य हैं। मध्यप्रदेष में यह उपछाया चंद्रग्रहण घटित होगा।

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