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ममता ने किसानों और आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया, हिंदू पहचान बताने के लिए ले रहीं संस्कृत का सहारा- नड्डा

कोतुलपुर (पश्चिम बंगाल) , 17 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर किसानों और आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को दावा किया कि वर्षों तक “तुष्टीकरण की राजनीति” करने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ने अपनी हिंदू पहचान बताने के लिए संस्कृत श्लोक का उद्घोष करना शुरू कर दिया है।

बांकुड़ा जिले के कोतुलपुर शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने आरोप लगाया कि बनर्जी ने ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ की वजह से महिषी और तेली जैसी कई ओबीसी हिंदू जातियों को आरक्षण की श्रेणी से बाहर कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है उन्हें आरक्षण की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

नड्डा ने आरोप लगाया कि बनर्जी ‘मां, माटी मानुष’ (मां, भूमि और लोग) के नाम पर चुनाव जीतीं लेकिन पिछले एक दशक में उनकी पार्टी “ महिलाओं को प्रताड़ित करने, भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने, तानाशाही, उगाही और तुष्टीकरण की राजनीति’ में शामिल रही।

उन्होंने कहा, “ मुझे बताया गया है कि ममता बनर्जी अब चंडी पाठ कर रही हैं। लेकिन पिछले 10 साल में आप अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण में शामिल रहीं। आपने राज्य में सरस्वती पूजा बंद कर दी और देवी दुर्गा के विसर्जन पर रोक लगा दी।” बनर्जी ने नौ मार्च को नंदीग्राम में एक जनसभा में चंडी पाठ किया था। वह इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “ अयोध्या में राम मंदिर के शिलांन्यास के दौरान, आपने राज्य के लोगों को पूजा करने से रोक दिया। ”

बटला हाउस मुठभेड़ मामले में अदालत के फैसले का हवाला देते हुए नड्डा ने कहा कि टीएमसी प्रमुख ने 2008 में दावा किया था कि यह एक फर्जी मुठभेड़ है और अगर यह गलत साबित होता है तो वह राजनीति छोड़ देंगी। नड्डा ने पूछा, “ वह अब क्या कहेंगी?” दिल्ली की एक अदालत ने 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या के जुर्म में दोषी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है।

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