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ईडी ने तकनीकी सहायता घोटाले में 15 स्थानों पर की छापेमारी

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े तकनीकी सहायता घोटाले के सिलसिले में दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और मुंबई सहित 15 स्थानों पर सघन तलाशी अभियान चलाया है। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस द्वारा करण वर्मा और अन्य के विरुद्ध दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुरू की गई है।

ईडी ने मंगलवार को इस साइबर-आधारित वित्तीय अपराध के मामले में विभिन्न परिसरों की तलाशी ली, जिसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करना है। अधिकारियों ने बताया कि इस तलाशी का मुख्य लक्ष्य डिजिटल साक्ष्य, वित्तीय रिकॉर्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री एकत्र करना था, जिससे धन शोधन के मामले को मजबूत किया जा सके।

फर्जी कॉल सेंटरों से विदेशी नागरिकों को निशाना
जांच में पता चला है कि आरोपी दिल्ली के रोहिणी, पश्चिम विहार और राजौरी गार्डन जैसे क्षेत्रों से कई फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। ईडी के अनुसार, ये कॉल सेंटर प्रतिष्ठित वैश्विक फर्मों के प्रतिनिधि बनकर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते थे। धोखेबाज पीड़ितों को झांसा देने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों का रूप भी धारण कर लेते थे और गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठते थे। इस तरह के हथकंडों का उपयोग करके भोले-भाले पीड़ितों से लाखों अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी की गई।

क्रिप्टो वॉलेट में लाखों डॉलर के लेनदेन का खुलासा
संघीय एजेंसी द्वारा दी गई प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए क्रिप्टो वॉलेट में लाखों अमेरिकी डॉलर के लेनदेन दर्ज हैं। यह तथ्य इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी की गहनता और व्यापकता को दर्शाता है। ईडी की जांच अब वित्तीय प्रवाह के पूरे नेटवर्क का पता लगाने और इस धोखाधड़ी में शामिल घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों लाभार्थियों की पहचान करने पर केंद्रित है। कई संदिग्ध, जो इस धोखाधड़ी के कार्यों को सुविधाजनक बनाने या उनसे लाभ उठाने में कथित रूप से शामिल थे, वे भी फिलहाल जांच के दायरे में हैं।

ईडी की यह कार्रवाई विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर किए जा रहे साइबर आधारित वित्तीय अपराधों के विरुद्ध चल रही उसकी कई कार्रवाइयों में से एक है। एजेंसी अपनी जांच जारी रखेगी ताकि इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी में शामिल भारतीय ऑपरेटरों और उनके विदेशी समकक्षों के बीच के संबंधों की गहराई तक पहुंचा जा सके। यह छापेमारी संगठित वित्तीय अपराध के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।

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