ओबीसी और ईबीसी वोटों की लामवंदी की कवायद
-कुमार कृष्णन-
-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-
पिछले 20 सालों में जो नीतीश की खूंटा गाड़ राजनीति में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग काफी अहम रहे हैं। राहुल गांधी भी अपनी यात्रा के दौरान इसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। पर नीतीश राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। बिहार में सत्ता की चाबी ओबीसी और ईबीसी के हाथों में ही मानी जाती है। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अपने अभियान की शुरुआत करते हुए कांग्रेस ने तथाकथित वोट चोरी, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और बढ़ते आर्थिक संकट को लेकर भाजपा पर चौतरफा हमला बोला और कहा कि आगामी चुनाव सरकार के भ्रष्ट शासन के अंत की शुरुआत का प्रतीक होंगे।
विपक्षी दल ने विदेश नीति को लेकर भी केंद्र की आलोचना की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलिंगनात्मक नीति उल्टी पड़ गई है, जिससे भारत कूटनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ गया है और अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने में असमर्थ हो गया है। पटना स्थित पार्टी के सदाकत आश्रम मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में किया गया। यह स्वतंत्रता के बाद बिहार में पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था की पहली बैठक थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए – एक राजनीतिक और दूसरा बिहार के मतदाताओं से अपील। बैठक में पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, कोषाध्यक्ष अजय माकन, महासचिव केसी वेणुगोपाल, सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, जयराम रमेश और सचिन पायलट तथा बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार सहित अन्य लोग शामिल हुए।
अपने उद्घाटन भाषण में खड़गे ने कहा कि भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है और उन्हें बोझ समझती है। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव केंद्र में मोदी सरकार के भ्रष्ट शासन के अंत की शुरुआत होगी।
उन्होंने वोट चोरी, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, सामाजिक ध्रुवीकरण और स्वायत्त संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बनाने और कमजोर करने जैसे कई मुद्दों पर भाजपा पर सीधा हमला बोला। खड़गे ने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्राप्त खुलासों पर सवालों के जवाब देने के बजाय, चुनाव आयोग हमसे हलफनामे की मांग कर रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार की तर्ज पर अब पूरे देश में लाखों लोगों के वोट हटाने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि वोट चोरी का मतलब दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, अत्यंत पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, कमजोरों और गरीबों के राशन, पेंशन, दवा, बच्चों की छात्रवृत्ति और परीक्षा शुल्क की चोरी है। बिहार पर ध्यान केंद्रित करते हुए खड़गे ने कहा, एनडीए गठबंधन के भीतर आंतरिक कलह अब खुले तौर पर दिखाई दे रही है। नीतीश कुमार को भाजपा ने मानसिक रूप से रिटायर कर दिया है। भाजपा अब उन्हें एक बोझ मानती है।
उन्होंने कहा, 2025 का विधानसभा चुनाव न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह मोदी सरकार के भ्रष्ट शासन की उल्टी गिनती और अंत की शुरुआत होगी।
कांग्रेस ने बिहार में वोट चोरी और मतदाता सूची के एसआईआर मुद्दे को लेकर मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर अपना हमला तेज कर दिया। अपने राजनीतिक प्रस्ताव में, सीडब्ल्यूसी ने कहा कि चुराए गए जनादेशों और धांधली वाली मतदाता सूचियों पर बनी सरकार की कोई नैतिक या राजनीतिक वैधता नहीं है, और दावा किया कि एसआईआर की साजिश भाजपा के टूल किट से एक और गंदी चाल थी, ताकि सत्ता पर काबिज रहने के लिए मतदाता सूचियों में हेरफेर किया जा सके।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि अगले एक महीने में गांधी वोट चोरी पर और खुलासे करेंगे जो हाइड्रोजन बम, मिनी हाइड्रोजन बम, यूरेनियम बम और प्लूटोनियम बम के समान होंगे।
उन्होंने कहा, यह तो बस शुरुआत है। कर्नाटक में महादेवपुरा और अलंद से संबंधित खुलासे तो बस शुरुआत हैं, और इस प्रस्ताव में वोट चुराने के अभियान की एक लंबी कहानी है। उन्होंने कहा कि वोट चोरी के खिलाफ 5 करोड़ हस्ताक्षर एकत्र करने का अभियान 15 सितंबर से शुरू किया गया है और यह 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा तथा ये 5 करोड़ हस्ताक्षर चुनाव आयोग को सौंपे जाएंगे।
राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस कार्यसमिति ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग, जो लंबे समय से हमारे जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला रहा है, उसे सरकार का गुलाम मुखपत्र बना दिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया, वोट चोरी और मतदाता सूची में अनियमितताओं ने हमारे लोकतंत्र की बुनियाद में जनता के विश्वास को हिला दिया है। कांग्रेस कार्यसमिति ने बेशर्मी से वोट चोरी का पर्दाफाश करने और लोकतंत्र को तहस-नहस करने के इन बेशर्म प्रयासों का बहादुरी से मुकाबला करने के लिए राहुल गांधी को सलाम करने का संकल्प लिया।
प्रस्ताव में कहा गया है, यह भाजपा के लिए निर्वाचित बहुमत बनाने के लिए इस्तेमाल की गई व्यवस्थित और जानबूझकर की गई साजिश को उजागर करता है। चुराए गए जनादेश और धांधली वाली मतदाता सूचियों पर बनी सरकार की कोई नैतिक या राजनीतिक वैधता नहीं है। बिहार के मतदाताओं से अपनी अपील में कांग्रेस कार्यसमिति ने लोगों से अपने वोट की ताकत पहचानने का आग्रह किया।
कांग्रेस कार्यसमिति ने घोषणा की कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की साजिश आज हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। कार्यसमिति ने कहा, जैसा कि बिहार में स्पष्ट है, इस प्रक्रिया को दलितों, ओबीसी, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर रहने वाले समुदायों के नागरिकों से उनके वोट के अधिकार को व्यवस्थित रूप से छीनने के लिए तैयार किया गया है। इसमें कहा गया है, मतदान के अधिकार पर हमले के माध्यम से यह वंचितता सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में उनके अधिकारों के साथ-साथ संवैधानिक रूप से गारंटीकृत आरक्षण को भी छीन लेगी। जब लोगों का वोट चुराया जाता है, तो उसके साथ उनका भविष्य, उनकी गरिमा और उनके संवैधानिक अधिकार भी छीन लिए जाते हैं।
बिहार में एनडीए सरकार को नोट चोर करार देते हुए कांग्रेस ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध राज्य में तथाकथित डबल इंजन सरकार के दो असली इंजन साबित हुए हैं। इस बीच बीच, कांग्रेस नेताओं ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने में पार्टी की कथित अनिच्छा से जुड़े सवालों को टाल दिया। हालाँकि, पार्टी नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जब आसमान में सूरज चमक रहा हो, तो घोषणा करने की ज़रूरत नहीं होती, और सचिन पायलट ने ज़ोर देकर कहा कि सभी फ़ैसले सही समय पर लिए जाएँगे। अपने राजनीतिक प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने कहा कि वह भारत की विदेश नीति के पतन से बेहद चिंतित है।
बिहार में, गांधी ने बिहार के संख्यात्मक रूप से शक्तिशाली अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) तक भी पहुंच बनाई, तथा अन्य बातों के अलावा, वादा किया कि यदि राज्य में इंडिया ब्लॉक सत्ता में आया तो एससी/एसटी अधिनियम की तर्ज पर अत्याचारों के खिलाफ सुरक्षा के लिए एक कानून बनाया जाएगा।
विधानसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले गांधी ने अति पिछड़ा न्याय संकल्प नामक एक कार्यक्रम में ईबीसी तक आक्रामक पहुंच बनायी। कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन ने एक बड़ी लकीर खींच दी है। विपक्षी गठबंधन- इंडिया ने एलान किया कि वह चुनाव जीतने के बाद अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण नियम पारित करेंगे। पंचायती राज और नगर निकाय में ईबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 30 फीसदी कर देंगे। संविधान की धारा 5 के अंतर्गत संविधान के सभी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। एससी एसटी एक्ट की तरह ईबीसी एक्ट लाएंगे। एलान यह भी किया गया है कि अतिपिछड़ा जाति-जनजाति के भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
कांग्रेस कार्यसमिति के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व सांसद राहुल गांधी, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी अतिपिछड़ा न्याय संकल्प कार्यक्रम में शामिल हुए। आगामी चुनाव को देखते हुए विपक्षी गठबंधन- इंडिया ने अतिपिछड़ी जातियों के लिए बड़ी घोषणा की। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बिहार में हमारी सरकार आने के बाद अतिपिछड़ों को पंचायत और नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 30 फीसदी करेंगे।
अतिपिछड़ा वर्ग संकल्प के तहत‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा। वहीं अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 30 फीसदी किया जाएगा। साथ ही आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में आया नीतीश, गया नीतीश सुनते सुनते जनता तंग आ चुकी है। अब इन्हें जाने दो। यह लोग मनुवाद को चलाना चाहते हैं। गरीबों का हक लूटना चाहते हैं। जनता इस बार उन्हें सबक सिखा कर रहेगी। उन्होंने चुनावी घोषणा करते हुए कहा कि अति पिछड़ी जातियों को जो भी मिल रहा है, वह बहुत कम है। मुख्य धारा में लाने के लिए भूमिहीनों को जमीन भी दी जाएगी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन हम पहले हम लोगों ने वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी। 15 दिन हमलोग बिहार के अलग-अलग इलाकों में गए। वहां जाकर देखा कि लोगों का हक लूटा जा रहा है। वोट चोरी की बड़ी साजिश रची जा रही है। हमारी बात को युवाओं ने सुना और हमारा साथ दिया। इसके लिए हमलोग उन्हें धन्यवाद देते हैं। हमने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दो बातें कही। पहले जाति जनगणना, दूसरा आरक्षण की सीमा को बढ़ाना। इस देश में जिनको जितनी भागदारी मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिलती है। इसीलिए हमलोग जातीय जनगणना पूरे देश में करवाना चाहते हैं। ताकि जिसकी जितनी भागदारी हो, उसे उतनी हिस्सेदारी मिले।
राहुल गांधी ने कहा कि हम लोग आपको एक विजन देना चाहते हैं। यह हमारा या किसी पार्टी का विजन नहीं है, बल्कि अति पिछड़ा समाज का विजन है। इसमें अतिपिछड़ों को स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण, भूमिहीनों को जमीन शहरी इलाकों में 3 डिसमिल जमीन मिले। ईबीसी, एससी, एसटी को सरकारी ठेकों में 50 प्रतिशत आरक्षण मिले। निजी संस्थानों में उन्हें आरक्षण मिले।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी लड़ाई संविधान बचाने की है, लोकतंत्र बचाने की है। अब जरूरत है कि हम लोग सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय भी करें। तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा आरक्षण चोर है। यह लोग जनता का वोट चोरी कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि हम लोगों की सरकार बनी तो अति पिछड़ों के लिए यह 10 सूत्री तो लागू होगा ही, साथ ही मंडल कमीशन की सभी सिफारिशें लागू की जाएंगी। तेजस्वी ने आशंका जताते हुए कहा कि हो सकता है कि हम लोगों ने आज जो घोषणा की है, नीतीश सरकार उसकी भी नकल कर ले। क्योंकि आजकल यह सरकार तो केवल नकल ही कर रही है। तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी सरकार हम लोगों को डराने के लिए बहुत कुछ कर रही है, लेकिन हम लोग डरने वाले नहीं है। लालू जी भी नहीं डरे। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी नहीं डरेगा।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे आदमी नहीं हैं। वह सामंतों के आदमी हैं। उन्हें गरीब, पिछड़ों, अतिपिछड़ों से कोई लेना-देना नहीं है। इसीलिए 2025 में नीतीश सरकार को हटा देना है। नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “नाट फाउंड सुटेवल” (एन एफ एस) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा। वहीं अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। यूपीएसरकार द्वारा पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा। साथ ही25 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति और पिछड़ी जाति के लिए फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। संविधान की धारा 15(5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा। आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा।
इस बार का बिहार चुनाव काफी रोचक रहने वाला है। कांग्रेस राज्य में एक मजबूत खिलाड़ी बनने की कोशिश में है। वहीं भाजपा, जद यू, लोजपा (आर) वाला एनडीए गठबंधन इस बार किसी कीमत पर कोई चूक नहीं होने देना चाहता है। दूसरी तरफ तेजस्वी भी अकेले दम पर राज्य में आरजेडी की मजबूत पैठ को और बढ़ाना चाहते हैं। वहीं तेजस्वी अपने वोट बैंक को बढ़ाने की कवायद करेंगे।