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राहुल गांधी के वे 10 सवाल, जिस पर सीईसी ज्ञानेश कुमार से एक हफ्ते के भीतर मांग जवाब

नई दिल्लीध, 18 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने मुख्य चुनाव आयोग ज्ञानेश कुमार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के बूथों से वोटरों के नाम काटे गए. यह काम सिस्टमेटिक तरीके से किया गया और मुख्य चुनाव आयुक्त ऐसा करने वालों को बचा रहे हैं. उन्होंने कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ वोटरों को भी स्टेज पर बुलाया, जिनके नाम काट दिए गए थे. उन्होंने कहा कि सॉप्टवेयर के जरिए ये नाम काटे जा रहे हैं. ये पूरा खेल चुनाव आयोग के स्तर से हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीईसी ज्ञानेश कुमार को उनके सवालों के जवाब देने होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह अभी हाईड्रोजन-बम नहीं है और बड़ा खुलासा अभी बाकी है.

राहुल गांधी के सवाल

लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी: राहुल गांधी ने कहा कि उनका काम लोकतांत्रिक व्यवस्था में हिस्सा लेना और सच्चाई जनता के सामने लाना है.
संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल: उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाएं अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रही हैं.
वोट चोरी का आरोप: राहुल ने मतदाता सूची से वोटरों के नाम हटाए जाने को ‘वोट चोरी’ का उदाहरण बताया.
चुनाव आयोग पर हमला: उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से एक सप्ताह के भीतर वोटर डिलीशन की पूरी जानकारी देने की मांग की, और कहा कि आयोग ‘लोकतंत्र के हत्यारों’ का बचाव कर रहा है.
बड़े पैमाने पर डिलीशन: कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लाखों मतदाताओं के नाम हटाए जाने का दावा.
कर्नाटक का उदाहरण: कर्नाटक के आलंद में 6,018 फर्जी डिलीशन आवेदन दाखिल किए गए, जो कांग्रेस के गढ़ में मतदाताओं को निशाना बनाने के लिए थे.
सुनियोजित साजिश: राहुल ने दावा किया कि वोट डिलीशन व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर के जरिए केंद्रीकृत और योजनाबद्ध तरीके से किया गया.
अल्पसंख्यक और दलित निशाने पर: कुछ समूह लाखों मतदाताओं, खासकर अल्पसंख्यकों और दलितों, को व्यवस्थित रूप से निशाना बना रहे हैं.
कर्नाटक सीआईडी की जांच: कर्नाटक सीआईडी ने वोटर डिलीशन की जांच शुरू की, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक जानकारी नहीं दी.
कानूनी व्यवस्था की जिम्मेदारी: उन्होंने कहा कि कानूनी व्यवस्था जैसे अन्य संस्थानों को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.

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