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एनआईए को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस: मणिपुर हिंसा में अंतरराष्ट्रीय साजिश का मामला

नई दिल्ली, 16 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में हुई हिंसा से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के आरोपी मोइरंगथेम आनंद सिंह की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया है। सिंह ने अपने मामले की सुनवाई में अत्यधिक देरी और जमानत न मिलने को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने मुकदमे की वर्तमान स्थिति जानने के लिए एनआईए से जवाब तलब किया है।

न्यायालय ने मांगी मुकदमे की स्थिति पर रिपोर्ट
न्यायालय ने मोइरंगथेम आनंद सिंह की याचिका पर विचार करते हुए एनआईए से केवल मुकदमे की प्रगति के बारे में जानकारी देने को कहा। याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ के समक्ष यह दलील दी कि आरोप-पत्र दाखिल होने के बावजूद पिछले दो वर्षों से मामले की सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। वकील ने यह भी बताया कि इस मामले के एक सह-आरोपी को जमानत मिल चुकी है, हालांकि न्यायालय ने इस तर्क पर सीधे तौर पर कोई सहमति नहीं जताई। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया, “केवल मुकदमे की स्थिति जानने के लिए नोटिस जारी करें।”

क्या है पूरा मामला?
मोइरंगथेम आनंद सिंह पर म्यांमार स्थित आतंकी संगठनों के साथ मिलकर मणिपुर की जातीय हिंसा का लाभ उठाते हुए भारत सरकार के खिलाफ “युद्ध छेड़ने” की साजिश रचने का आरोप है। उसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक वरिष्ठ सदस्य बताया गया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, सितंबर 2023 में एक वाहन की तलाशी के दौरान आनंद सिंह को चार अन्य लोगों के साथ छद्म वेश में और हथियारों के साथ पकड़ा गया था। इन हथियारों को विभिन्न शस्त्रागारों से लूटा गया बताया गया। इसके अलावा, वह रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के कई मामलों में भी शामिल पाया गया। उसे 2010 में भी कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

विभिन्न धाराओं के तहत मामले
इस कथित अंतरराष्ट्रीय साजिश के मामले में मणिपुर पुलिस ने आनंद सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं, आयुध अधिनियम की धारा 25 (1-ए) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 सहित शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 6(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया था। हालांकि, बाद में इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया और आईपीसी की धारा 120बी/121ए/122 और यूएपीए की धारा 18/18बी/39 के तहत नया मामला दर्ज किया।

मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में जमानत मिलने के बाद भी, आनंद सिंह को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया और वह तब से हिरासत में है। निचली विशेष अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उसने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। हालांकि, उच्च न्यायालय ने भी आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह मामला अब उच्चतम न्यायालय में पहुंचा है।

 

 

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