एचएएल अगले महीने दो ‘तेजस मार्क-1ए’ लडाकू विमानों की करेगा आपूर्ति, हमलावर भूमिकाओं के लिए किया गया डिजाइन
नई दिल्ली, 12 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। सरकारी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अगले महीने भारतीय वायुसेना को दो ‘तेजस मार्क-1ए’ लड़ाकू विमान सौंपेगी। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एचएएल ने कहा कि उसे अमेरिकी रक्षा कंपनी ‘जीई एयरोस्पेस’ से एक जेट इंजन मिला है और इस महीने के अंत तक एक और इंजन मिल जाएगा जो दोनों लडाकू विमानों के लिए उपयोगी होंगे।
इस महीने के अंत तक आपूर्ति की जाएगी
फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए विमानों की खरीद के वास्ते एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में देरी मुख्य रूप से इसलिए हो रही है क्योंकि जीई एयरोस्पेस ने जेट विमानों के संचालन के जिए जरूरी अपने एयरो इंजन की आपूर्ति नहीं की है। अधिकारियों ने बताया कि एचएएल अगले महीने भारतीय वायुसेना को दो तेजस एमके-1ए जेट विमान उपलब्ध कराएगा, क्योंकि एक जीई 404 इंजन आ चुका है। दूसरे की इस महीने के अंत तक आपूर्ति की जाएगी।
तेजस लड़ाकू विमानों के एक अतिरिक्त बैच को दी थी मंजूरी
HAL के एक प्रवक्ता ने कहा कि एचएएल को एलसीए एमके1ए के लिए तीसरा जीई404 इंजन मिल गया है। एक और इंजन सितंबर के अंत तक मिलने वाला है। इंजन आपूर्ति श्रृंखला में सुधार से एलसीए एमके1ए विमानों की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। पिछले महीने सरकार ने लगभग 67,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस लड़ाकू विमानों के एक अतिरिक्त बैच को मंजूरी दी थी।
हमलावर भूमिकाओं के लिए किया गया डिजाइन
एकल इंजन वाला एमके-1ए भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमानों का स्थान लेगा। भारतीय वायुसेना इन युद्धक विमानों को शामिल करने पर विचार कर रही है, क्योंकि इसके लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या आधिकारिक तौर पर स्वीकृत 42 से घटकर 31 रह गई है। तेजस एकल इंजन, बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है जो उच्च-खतरे वाले हवाई हालात में परिचालन करने में सक्षम है। इसे हवाई रक्षा, समुद्री टोही और हमलावर भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है।