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ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए रेलटेल जुटा पुराने मैकेनिकल सिग्नलिंग सिस्टम को अत्याधुनिक बनाने में

नई दिल्ली, 29 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। रेलटेल, पुराने मैकेनिकल सिगनलिंग सिस्टम को अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में परिवर्तित करने के लिए उत्तर रेलवे जोन पर 224 करोड़ रुपये की आधुनिक सिगनलिंग परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। रेलवे के अनुसार अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम 26 स्टेशनों को परिवर्तित किया जाएगा, जिनमें से 3 दिल्ली डिवीजन में, 9 अंबाला डिवीजन में और 14 के फिरोजपुर डिवीजन में हैं। यह आधुनिक टेक्नोलॉजी ट्रेन ऑपरेशन की संरक्षा और दक्षता को बढ़ाएगी। हालांकि 6 स्टेशनों पर कार्य पहले ही पूर्ण हो चुका है साथ ही उन्हें चालू भी कर दिया गया है- इनमें दिल्ली मंडल के 3 स्टेशन और अंबाला मंडल के 3 स्टेशन हैं और अंबाला मंडल के बकाया 6 स्टेशनों पर कार्य पूरा होने के अंतिम चरण में है। इसके साथ ही फिरोजपुर मंडल के 14 स्टेशनों पर कार्यान्वयन का पहला चरण अर्थात योजना, डिजाइन और उपस्करों की खरीद प्रक्रिया की शुरूआत की जा चुकी है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिगनलिंग सिस्टम स्टेशन मास्टर को अपने कार्यालय में उपलब्ध कराए गए कंप्यूटर पर सिग्नल क्लीयरेंस और रूट सेट करने जैसी ट्रेनों के संचलन के लिए सभी कार्यों को एक माउस के क्लिक से करने में सक्षम करेगा और स्टेशन यार्ड में चलने वाली ट्रेन का लाइव ²श्य प्रदर्शित करेगा। पुराने सिस्टम में वर्तमान में 50 किमी प्रति घंटे से भी कम गति से चलने वाली ट्रेनों को नए सिस्टम में 110 किमी प्रति घंटे की उच्च गति से चलाने की भी सुविधा होगी। रेलटेल इस प्रणाली को बदलने की एक्सर्साइज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके बारे में बात करते हुए रेलटेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पुनीत चावला ने कहा, रेलटेल भारतीय रेलों की एक विश्वसनीय दूरसंचार व सिगनलिंग शाखा है। ट्रेन परिचालन की संरक्षा और दक्षता में वृद्धि के लिए, पुराने मैकेनिकल सिग्नलिंग प्रणाली को अत्याधुनिक मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम द्वारा बदलना आवश्यक है। यह सिस्टम बदलने का काम भारतीय रेलों पर एक सतत प्रक्रिया है और रेलटेल इस सिस्टम परिवर्तन कार्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रेलटेल भारतीय रेलों की ट्रेन नियंत्रण प्रणाली को आधुनिक बनाने में भी कवच (ट्रेन टक्कररोधी सिस्टम) के क्रियान्वयन के माध्यस से जो स्वदेश में विकसित ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटैक्शन सिस्टम है, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का इरादा रखती है। इसे भारतीय रेलों के लिए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) आधारित हाई स्पीड मोबाइल कम्युनिकेशन कॉरिडोर पर क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है।

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