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भारत संरा फ्रेमवर्क के तहत जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने पर अड़िग : स्मृति ईरानी

संयुक्त राष्ट्र/नई दिल्ली, 22 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन पर ‘‘यूनाइटेड नेशन्स फ्रेमवर्क कन्वेंशन’’ के तहत किए गए अपने सभी वादों को पूरा करने में दृढ़ता से यकीन रखता है। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाएं देश की सतत विकास यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा हैं और आगे भी रहेंगी।

उन्होंने सोमवार को कहा, ‘‘एक ओर, जलवायु परिवर्तन के महिलाओं पर पड़ने वाले अत्यधिक प्रभाव को समझा जा रहा है जबकि दूसरी ओर, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण से इस क्षेत्र में जबरदस्त सामाजिक, आर्थिक और जलवायु अनुकूल फायदों को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।’’

ईरानी ‘‘66वें कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वुमेन’’ (सीएसडब्ल्यू) के कार्यक्रम ‘‘एक दुनिया जो हम महिलाएं और लड़कियां चाहती हैं : पर्यावरण के लिए जीवनशैली’’ को संबोधित कर रही थीं।

मंत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत जलवायु परिवर्तन पर यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन के तहत किए गए अपने सभी वादों को पूरा करने में दृढ़ता से यकीन रखता है’’ और उसे गर्व है कि देश का प्रति व्यक्ति कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है।

उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लासगो में सीओपी26 के दौरान अपनी महत्वाकांक्षा बढ़ायी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण निरंतरता जलवायु न्याय के जरिए ही हासिल की जा सकती है और ‘‘हम सभी सहमत होंगे कि जलवायु परिवर्तन संबंधी सफल कार्रवाई के लिए पर्याप्त वित्त पोषण की भी आवश्यकता है।’’

ईरानी ने कहा, ‘‘महिलाएं भारत की सतत विकास यात्रा का अनिवार्य हिस्सा हैं और रहेंगी, एक ऐसी यात्रा जो ऐसी दुनिया बनाएगी जो हम महिलाएं और लड़कियां चाहती हैं, निरंतरता की ताउम्र प्रतिबद्धता, एक भारतीय यात्रा जो सुनिश्चित करती है कि जीवन एक वैश्विक प्राथमिकता बन गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सतत और जैव अपघटीय माहवारी स्वच्छता उत्पादों से लेकर सतत फैशन और चक्रीय अर्थव्यवस्था तक महिला उद्यमी सतत समाधानों के लिए नवाचार को आगे बढ़ा रही हैं।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के जरिए नौ करोड़ से अधिक घरों को भोजन पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन मुहैया कराया गया, जिससे महिलाओं को स्वच्छ, बिना धुएं वाला ईंधन मिला और उनके स्वास्थ्य की रक्षा हुई।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पैनल लगाने और अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जल जीवन मिशन के तहत इस वित्तीय वर्ष में 6.67 अरब डॉलर से अधिक धनराशि का निवेश कर रहा है ताकि ग्रामीण भारत में सभी घरों को 2024 तक सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराया जा सके।

 

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