राजनैतिकशिक्षा

बजट में दिखी आत्मनिर्भर भारत की झलक

-सुरेश हिन्दुस्तानी-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

कोरोना काल के दौरान केन्द्र सरकार का दूसरी बार प्रस्तुत किया गया बजट कई मायनों में मील का पत्थर प्रमाणित होने वाला दिखाई दे रहा है। वहीं यह बजट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जाने वाले मार्ग को और सुगम बनाने वाला भी है।

भारत में आत्मनिर्भरता के द्वार कृषि और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने से ही खोले जा सकते हैं इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि उन्नयन और युवाओं को रोजगार देने के लिए पिटारा खोला। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में देश की भावी तस्वीर का खाका खींचते हुए बेरोजगारी समाप्त करने की पहल की है, जिसके अंतर्गत युवा वर्ग को आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। वहीं, मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।

हालांकि प्रधानमंत्री युवाओं से बहुत पहले से यह आह्वान करते आए हैं कि भारत का युवा अपने आपको ऐसा बनाए कि वह रोजगार पाने की दिशा में नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बने। इसके लिए सरकार ने पहले ही लघु और मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। जिसका उपयोग करके युवाओं ने अपनी प्रतिभा और क्षमता दिखाकर सफलता प्राप्त की है।

इसी के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए लघु एवं मध्यम उद्योग को स्थायित्व प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार ने ठोस प्रावधान किया है। लघु एवं मध्यम उद्योग के माध्यम से जहां स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा किए जा सकेंगे। इससे बड़ा लाभ यह भी है कि उद्यम जगत की प्रतिभाओं को अपने शहर या गांव में ही कौशल दिखाने का अवसर मिलेगा। सरकार के इस कदम को आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। यह बात सही है कि वर्तमान में विज्ञापनों के मोहजाल में फंसाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत के बाजार पर अपना साम्राज्य स्थापित किया है, जिसके कारण देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल पाता है। केन्द्र सरकार के सकारात्मक प्रयासों के चलते इस धारणा में व्यापक परिवर्तन दिखाई देने लगा है। भविष्य में भी सरकार ने अपने बजट में इसे प्रभावी आकार में स्थापित करने की मंशा दिखाई है।

इसके अलावा वित्तमंत्री ने आर्थिक जगत में आई तकनीकी क्रांति के साथ कदम मिलाते हुए कहा कि इसमें सफलता के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय भी बनाया जाएगा। यह विदेशी क्रिप्टो करंसी के एकाधिकार को समाप्त करने की दिशा में सार्थक कदम माना जा रहा है। भारत सरकार ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा है कि वह अपने देश की क्रिप्टो करंसी बनाएगी। वर्तमान में कदम-कदम पर डिजिटल अवधारणा को प्रमुखता दी जा रही है। आज का बाजार भी डिजिटल रूप में विकसित होता जा रहा है। सरकार की भी यही योजना है कि देश का पैसा देश में ही रहे। इसे भी आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम निरूपित किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत योजना के लक्ष्यों को पाने के लिए शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव योजना को बेहतर सफलता मिली है। इससे 60 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और अगले 5 सालों में 30 लाख करोड़ का अतिरिक्त उत्पादन होगा।

जहां तक किसानों के उन्नयन की बात है तो इस बार भी केन्द्र सरकार किसानों की हालत सुधारने के लिए कृत संकल्पित दिखाई दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व के बजट में किसानों को सीधे आर्थिक सहयोग करने की बात कही थी, जिसे केन्द्र सरकार ने पूरा किया और अब पीएम किसान के लाथार्थियों की संख्या 12 करोड़ 47 लाख से अधिक हो गई है। मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के तहत इस योजाना की शुरुआत 2018 में किया था। अब तक सरकार 10 किस्त जारी कर चुकी है। इस बार के बजट में कहा है कि कृषि फसलों की खरीद पर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद 163 लाख किसानों से 1,208 लाख टन को कवर करेगी। इसके साथ ही 2.37 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान होगा।

देश की रक्षा के लिए सेना को और आधुनिक बनाने की भी योजना केन्द्र सरकार के बजट में दिखाई दी है। यह कदम देश की सुरक्षा करने की दिशा में अभूतपूर्व माना जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा सफलता पूर्वक चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिना भेदभाव और योग्य व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इस बार के बजट में भी केन्द्र सरकार ने उन गरीबों के लिए, जिनके लिए मकान बनाना किसी सपने से कम नहीं होता, उनके लिए पूरे देश में 80 लाख पक्के आवास बनाए जाने की बात कही है। यह बात सही है कि गरीब व्यक्ति अपने स्वयं के आवास के अभाव में विकास की धारा के साथ नहीं चल पाता, जिसके कारण वह केवल अपने परिवार को कोई सुविधा नहीं दे पाता। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिनको आवास मिला है, उन गरीबों की स्थिति में पहले से बहुत सुधार देखा गया है। इसी कारण इस बजट में भी केन्द्र सरकार ने गरीबों के सपने को पूरा करने की ठोस योजना बनाई है।

यह बात सही है कि सरकार की कोई भी योजना तभी सार्थक और सफल कही जा सकती है, जब इसका लाभ पात्र व्यक्तियों को मिले। मोदी सरकार के कार्यकाल का निष्पक्ष रूप से आकलन किया जाए तो यह तस्वीर दिखाई देती है कि योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ उचित व्यक्ति को मिले। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में केन्द्र की सभी योजनाओं ने धरातल पर आकार ग्रहण किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *