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भारत, रूस ने चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग के लिए समझौता किया

व्लादिवोस्तोक/नई दिल्ली, 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारत और रूस ने बुधवार को चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बंदरगाहों के बीच एक समुद्री मार्ग खोलने पर सहमति जताई ताकि दोनों देशों के बीच संपर्क सुनिश्चित किया जा सके। भारत के पोत परिवहन मंत्रालय और रूस के परिवहन मंत्रालय ने रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में व्लादिवोस्तोक और चेन्नई बंदरगाहों के बीच समुद्री यातायात के विकास के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की। दो दिन की यात्रा पर बुधवार को रूस पहुंचे मोदी रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वह बृहस्पतिवार को ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में भी शामिल होंगे। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने यहां संवाददाताओं से कहा, चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच इस मार्ग का खुलना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दो बड़े बंदरगाहों के बीच संपर्क जुड़ेगा और भारत तथा सुदूर पूर्वी रूस के बीच सहयोग को गति मिलेगी। गोखले ने कहा कि भारत न केवल रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर बल्कि संसाधन, वन और कृषि क्षेत्रों पर भी नजर बनाये हुए है। इससे पहले मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत के बाद कहा कि उन्होंने व्यापार और निवेश, तेल तथा गैस, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष एवं समुद्री संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने एक जहाज पर अलग से दो घंटे की बातचीत के बाद 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की जिसका मकसद दोनों पक्षों के बीच विशेष संबंधों को मजबूती प्रदान करना है।

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