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भाजपा ने अनुच्छेद 370 पर सरकार की पहल की सराहना की: कहा, साहसिक, ऐतिहासिक और अविस्मरणीय

नई दिल्ली, 05 अगस्त (सक्षम भारत)। जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने के सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए सोमवार को भाजपा ने इसे साहसिक, ऐतिहासिक और अविस्मरणीय घटना करार दिया। राज्य के अलग दर्जे को अलगाववाद बढ़ाने वाला बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने अपने ब्लाग में लिखा कि कोई भी राष्ट्र इस स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा, एक ऐतिहासिक गलती को आज ठीक किया गया है। अनुच्छेद 35ए को पिछले दरवाजे से संविधान के अनुच्छेद 368 की प्रक्रिया का पालन किये बिना लाया गया। इसे जाना ही था। जेटली ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से जम्मू कश्मीर के लोगों को सबसे ज्याद मदद मिलेगी। अधिक निवेश, अधिक उद्योग, अधिक निजी शैक्षणिक संस्थान, अधिक रोजगार और अधिक राजस्व प्राप्त होगा। भारत के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के सरकार के निर्णय से प्रसन्नता है। मैं मानता हूं कि यह राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने की दिशा में साहसी कदम है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का विषय भाजपा की विचारधारा का हिस्सा जनसंघ के समय से ही रहा है। आडवाणी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक पहल के लिये बधाई देते हैं तथा जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की शांति, समृद्धि और प्रगति की प्रार्थना करते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कश्मीर के क्षेत्रीय नेता अब महसूस करते हैं कि भावनाओं से जुड़े फर्जी विषयों को वे नहीं उठा पायेंगे। पूर्व विदेश मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय. श्रेष्ठ भारत – एक भारत का अभिनन्दन। भाजपा नेता राम माधव ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भारत में इस राज्य के पूर्ण एकीकरण के लिये किए गए बलिदान का सम्मान हुआ है। भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमाल कर दिया, देश की उम्मीदों पर खरे उतरे। इससे जम्मू कश्मीर के विकास का मार्ग खुल गया है। सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन — जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा।

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