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उपचुनाव में मंहगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था मुद्दा बने

जयपुर, 09 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राजस्थान में तीन स्थानों पर हो रहे उपचुनाव में मंहगाई , बेरोजगारी एवं कानून व्यवस्था को लेकर सत्तारुढ कांग्रेस तथा प्रमुख विपक्षी दल भाजपा आमने सामने है। सत्तारूढ कांग्रेस जहां मंहगाई , बेरोजगारी को लेकर केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है वहीं भाजपा इसके लिए
राज्य सरकार को जिम्मेदार मानती है। कांग्रेस ने गैस एवं पेट्रोल के बढते दामों को मंहगाई का जिम्मेदार बताया है
वहीं भाजपा बिजली , पानी के दाम बढने पर मंहगाई बढने का आरोप लगा रही है। इस सबके बीच किसान आंदोलन भी उपचुनाव का मुद्दा बना हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा किसानों पर दमन को मुद्दा बना रहे है। भाजपा ने कानून व्यवस्था को भी मुद्दा बनाया है तथा राष्ट्रीय महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग से दखल की मांग भी कर चुकी है। जयपुर में कल सिविल लाइन फाटक पर शंभू पुजारी के शव के साथ भाजपा नेताओं का प्रदर्शन का मुद्दा भी कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। भाजपा रोजगार को लेकर भी कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने रोजगार के मामले में चुनाव घोषणा पत्र के वायदे को पूरा नहीं किया जबकि कांग्रेस का कहना है कि केन्द्र में भाजपा सरकार ने रोजगार के अवसर ही खत्म कर दिये। कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन को लेकर भी आरोप प्रत्यारोप तेज हो गये है। भाजपा ने वैक्सीन की भरपूर मात्रा का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि लोगों को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अधिक वैक्सीन की मांग कर चुके है।
जनता के मुद्दों के साथ कांग्रेस जहां सहाडा और सुजानगढ में सहानुभूति की आस भी रख रही है वहीं भाजपा
राजसमंद में सहानुभूति को भुनाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने सहाड़ा में कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री को तथा सुजानगढ में मास्टर भंवरलाल के पुत्र मनोज को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने राजसमंद में किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति को उम्मीदवार बनाया है। सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में लादूलाल पितलिया भी चुनावी मुद्दा बना हुआ है। श्री पितलिया हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं दी गई तथा बाद में निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में नामांकन भरा लेकिन मैदान से हटना पड़ा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि श्री पितलिया के व्यवसायिक ठिकानों पर छापे कार्यवाही कर उन्हें डराया
गया। पितलिया के नाम वापसी के बाद से ही सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियों वीडियों और चिठ्ठी में नीत नये खुलासे हो रहे है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां चुनाव में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप भी लगा रहे है।
भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन के समय पूर्व मुख्यमंत्री वुसंधरा राजे की गैरमौजूदगी भी एक मुद्दा बन रही है।
हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने उनसे चुनाव प्रचार का समय मांग कर इस मामले को उछलने से बचाने का प्रयास किया है। काँग्रेस में पूर्व मंत्री एवं विधायकों के बयानों को लेकर भी उपचुनाव में सत्तारुढ पार्टी में दरार का मुद्दा उठाया जा सकता है , हालांकि कांग्रेस ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को चुनाव प्रचार में आगे लाकर विपक्ष से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी उपचुनाव में अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे है। इसके नेता हनुमान बेनीवाल वर्तमान हालात के लिए भाजपा और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे है।

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