कांग्रेस को 2019-20 में 139 करोड़ रुपये से अधिक चंदा मिला, सिब्बल ने दिए तीन करोड़ रुपये
नई दिल्ली, 05 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कांग्रेस को 2019-20 में 139 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला था। पार्टी के सदस्यों की बात करें तो वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी कोष में सबसे अधिक तीन करोड़ रुपये का योगदान दिया। निर्वाचन आयोग ने 2019-20 में कांग्रेस को मिले चंदे से जुड़ी एक रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आईटीसी’ और इससे जुड़ी कंपनियों ने 19 करोड़ रुपये से अधिक राशि चंदे में दी, जबकि ‘प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट’ ने 31 करोड़ रुपये का चंदा दिया। संबंधित कानूनों के प्रावधानों के तहत राजनीतिक दलों को लोगों, कंपनियों, इलेक्टोरल ट्रस्ट और संगठनों द्वारा दिये गये 20,000 रुपये से अधिक चंदे की जानकारी देनी होती है। रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1,08,000 रुपये, जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 54,000 और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 50,000 रुपये का चंदा दिया था। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने 2019-2020 के बीच पार्टी कोष में सबसे अधिक तीन करोड़ रुपये का योगदान दिया। गौरतलब है कि सिब्बल उन 23 पार्टी सदस्यों में शामिल थे, जिन्होंने अगस्त 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बड़े संगठनात्मक बदलावों की मांग की थी। इस ‘जी23’ समूह के अन्य सदस्यों में से आनंद शर्मा, शशि थरूर और गुलाम नबी आजाद ने 54-54 हजार रुपये, मिलिंद देवड़ा ने एक लाख रुपये और राज बब्बर ने एक लाख आठ हजार रुपये दान दिए।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस को 20 हजार रुपये से अधिक दान की कुल प्राप्त राशि 139,01,62,000 रुपये है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए/ के/ एंटनी, कुमारी शैलजा और वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी पार्टी को दान दिया था। पटेल का पिछले वर्ष निधन हो गया।
वहीं, दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी वित्त वर्ष 2019-20 में पार्टी को 54 हजार रुपये दान दिए थे।
दान से संबंधित दस्तावेज कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को पिछले साल दिसम्बर में सौंपा था और इस पर पार्टी के अंतरिम कोषाध्यक्ष पवन बंसल के हस्ताक्षर हैं।
वहीं, अपनी योगदान राशि की रिपोर्ट में बहुजन समाज पार्टी ने कहा कि उसे 20,000 रुपये से ज्यादा का चंदा नहीं मिला।