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स्पिनरों को भारत में सफलता के लिए तेजी से गेंदबाजी करना जरूरी नहींः जैक लीच

चेन्नै, 02 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर को 2012 के भारतीय दौरे पर अपनी सामान्य गति से तेजी से गेंदबाजी करने का फायदा हुआ था लेकिन चार मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ यहां पहली बार यहां आए जैक लीच का मानना है कि इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ यह नीति शायद उनके लिए कारगर नहीं रहे। पनेसर और ग्रीम स्वान की स्पिन गेंदबाजों की जोड़ी ने 2012 टेस्ट सीरीज में भारतीय स्पिनरों की तुलना में तेज गेंदबाजी कर टीम को यादगार जीत दिलायी थी।

लीच ने टीम के छह दिनों के क्वारंटीन के खत्म होने के बाद कहा कि वह अपने मजबूत पक्ष के साथ गेंदबाजी करेंगे। चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला शुक्रवार से खेला जाएगा। इंग्लैंड के लिए 12 टेस्ट खेलने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘मोंटी और स्वान दो ऐसे गेंदबाज हैं जिन्हें मैं देखना पसंद करता हूं। मैं स्पिनरों के बहुत सारे वीडियो देखता हूं और उनसे सीखने की कोशिश करता हूं। मोंटी ने भारत में तेजी से गेंदबाजी की और स्पिन की मददगार पिच पर यह काफी मुश्किल भरा हो सकता है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं शायद उसी तेजी से गेंदबाजी नहीं करूंगा। यह शायद इस बारे में अधिक है कि गेंद बल्लेबाज के पास कैसे पहुंचती है। ऐसे कई सफल गेंदबाज हैं जिन्होंने मोंटी जितनी तेजी से गेंदबाजी नहीं की थी।’ श्रीलंका के हालिया दौरे पर 10 विकेट (दो टेस्ट) लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘यह अपने मजबूत पक्ष के साथ बने रहने और यह जानने के बारे में है कि मेरे लिए सामान्य गति क्या होगी और उसमें थोड़ा कम-ज्यादा किया जा सकता है। हर किसी की एक सामान्य गति होती है।’

भारत में दूसरे देशों के स्पिनरों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण होती है लेकिन लीच इसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘जाहिर है कि वे शानदार टीम है और ऑस्ट्रेलिया में जबरदस्त जीत के साथ आए है। मुझे लगता है कि यह हम सब के लिए भारत में यहां सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ खुद को परखने का बेहतरीन मौका है, मैं पहली बार भारत आया हूं।’ इस 29 साल के स्पिनर ने कहा, ‘ऐसी जगहों पर आना, आपका सपना होता है। जाहिर है, यह शानदार मौका है, मैं इसका लुत्फ उठाना चाहूंगा।’

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