पहली बार समुद्री रास्ते से ऑस्ट्रेलिया भेजे गए भारतीय अनार, पूरी दुनिया में बढ़ रही डिमांड
नई दिल्ली, 17 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय किसानों और बागवानों के लिए ये अच्छी खबर है। भारत के कृषि उत्पादों की डिमांड पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहली बार भारत से समुद्री रास्ते के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया तक अनार की सप्लाई की गई है। इस उपलब्धि में कृषि और प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) का बड़ा योगदान है। अनार की यह खेप एग्रोस्टार और के बी एक्सपोर्ट्स के साथ मिलकर भेजी गई है। यह भारतीय ताजा उपज के लिहाज से बाजार पहुंच का विस्तार करने में एक बड़ी सफलता है।
अनार निर्यात में 20 फीसदी की बढ़ोतरी
एपीडा के अनुसार, समुद्र के रास्ते थोक शिपमेंट के उपयोग ने प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण सुनिश्चित किया। इससे किसानों को लाभ हुआ और स्थायी व्यापार के अवसर पैदा हुए। अनार का यह सफल निर्यात न केवल वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में भारत की क्षमताओं को रेखांकित करता है, बल्कि नए राजस्व स्रोतों के खुलने से भारतीय किसानों को महत्वपूर्ण बढ़ावा भी प्रदान करता है। शिपमेंट का समय ऑस्ट्रेलिया के गैर-उत्पादन सीजन के साथ रणनीतिक रूप से संरेखित किया गया था। जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार के अवसरों को अधिकतम किया जा सके।
एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा कि अनार निर्यात में 20% की वृद्धि देखी गई है, जो इस सेगमेंट की अपार संभावनाओं को दर्शाता है। ऑस्ट्रेलिया को प्रीमियम अनार की सफल शिपमेंट भारत की समझदार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उच्च गुणवत्ता वाली ताजा उपज की आपूर्ति करने की क्षमता को दर्शाती है। सितंबर में शुरू होने वाले अगले निर्यात सत्र के साथ एग्रोस्टार के आईएनआई फार्म्स, के बी एक्सपोर्ट्स और अन्य प्रमुख खिलाड़ी इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। जिससे ऑस्ट्रेलिया को भारतीय अनार की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।