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‘रूफटॉप’ सौर संयंत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान, परिवारों को सालाना 18,000 रुपये की बचत

नई दिल्ली, 01 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना से एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी जिससे उन्हें सालाना 18,000 रुपये तक की बचत होगी।

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बजट पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”बजट में रूफटॉप सोलर (योजना) के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।”

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि छतों पर सौर इकाई लगाने से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली पाने में सक्षम होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले छतों पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ शुरू किए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद एक करोड़ घरों में सौर इकाई लगाने की योजना लाने की बात कही थी।

सीतारमण ने कहा, ”मुफ्त सौर बिजली के इस्तेमाल और बची हुई बिजली वितरण कंपनियों को बेचने से परिवारों को सालाना 15,000-18,000 रुपये तक की बचत होगी।”

यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में भी सहायता करेगी। इसके अलावा सौर इकाइयों की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए बड़ी संख्या में विक्रेताओं के लिए उद्यमशीलता के अवसर और तकनीकी कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

वित्त मंत्री ने वर्ष 2070 तक ‘शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन’ के लिए भारत की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा के उपयोग के लिए परियोजना को व्यावहारिक बनाने को लेकर वित्तपोषण किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ”एक गीगावाट की शुरुआती क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के उपयोग को लेकर परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए निधि मुहैया कराई जाएगी।”

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 73 गीगावाट से अधिक है। इसी तरह देश में पवन ऊर्जा क्षमता लगभग 45 गीगावाट है।

भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा हुआ है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अपने अभिभाषण में कहा था कि पिछले 10 वर्षों में गैर-जीवाश्म ईंधन यानी हरित ऊर्जा आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावाट से बढ़कर 188 गीगावाट हो गई है।

 

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