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मोदी ने केंद्र सरकार के सचिवों की समिति का गठन किया

नई दिल्ली, 19 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़े समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में केंद्र सरकार के सचिवों की एक समिति बनाई है।
सरकारी सूत्रों ने आज यहां बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर मदीगा और ऐसे अन्य समूहों जैसे अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति का गठन किया गया है।
ज्ञातव्य है कि समुदाय को लाभ का उचित हिस्सा समान रूप से नहीं मिल रहा है। समिति में गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, कानूनी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव शामिल हैं। सचिवों की समिति की पहली बैठक 23 जनवरी को निर्धारित है। पहले यह बैठक 22 तारीख की सुबह थी, लेकिन उस समय कार्यालय बंद होने के कारण इसे 23 तारीख को आयोजित किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार केन्द्र सरकार को मडिगा समुदाय सहित अनुसूचित जाति के उप-वर्गीकरण के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित राज्य सरकारों से इस आधार पर अभ्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं कि आरक्षण और कल्याण/विकासात्मक योजनाओं का लाभ अनुसूचित जातियों के लिए है। अनुसूचित जाति समुदायों के बीच समान रूप से व्याप्त नहीं होना। यह मामला विभिन्न अदालतों के समक्ष रखा गया है और वर्तमान में 2011 की सिविल अपील संख्या 2317 में उच्चतम न्यायालय की 07 न्यायाधीशों की पीठ के विचाराधीन है।
सूत्रों के अनुसार उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, मैडिगा और अन्य समान समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति का गठन किया गया है। समिति में गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, कानूनी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव शामिल होंगे। सचिवों की समिति की पहली बैठक 22 जनवरी को निर्धारित की गई है।
इस समिति को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय आवश्यक सचिवीय सहायता प्रदान करेगा।

 

 

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