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हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित

नई दिल्ली, 31 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राज्यसभा में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आज भी सहमति नहीं बन पाई जिसके कारण हुए हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही स्थगित होने से लोक महत्व के विषयों से जुड़ी शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी। दो सप्ताह पहले शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान बार-बार बाधा पहुंचाए जाने के कारण सदन में एक दिन भी शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी है।
सोमवार को जरुरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 65 सदस्यों ने उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं।
इसी बीच नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष नियमों की आड़ में चर्चा से भाग रहा है और उनके रुख से उनकी मानसिकता का पता चलता है। सदन में पहले ही नौ दिन का समय बर्बाद हो चुका है और विपक्ष नहीं चाहता कि मणिपुर की सच्चाई सबके सामने आए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को आत्मचिंतन करना चाहिए। सरकार नियम 176 के तहत आज दो बजे से ही मणिपुर के विषय पर चर्चा कराने के लिए तैयार है । सरकार बजे के लिए पहले से निर्धारित विषयों बाद में सदन में लाने के लिए भी तैयार है।
सभापति ने नेता विपक्ष से इस पर अपने विचार रखने को कहा तो नेता विपक्ष मलिकार्जुन खडगे ने कहा कि वह खुद भी नियम 267 के तहत मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने का नोटिस दे चुके हैं और पिछले नौ दिनों से विभिन्न दलों के सदस्य इस बारे में नियम 267 के तहत चर्चा का नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सदन में नियम 267 के तहत ही मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो।
सभापति ने कहा कि सरकार मणिपुर की स्थिति पर दो बजे चर्चा कराने के लिए तैयार हैं और आसन ने इससे संबंधित नोटिस पहले ही स्वीकार किया हुआ है। इस बारे में अब हर रोज नोटिस दिए जा रहे हैं और जब आसन इस विषय पर अपनी व्यवस्था दे चुका है तो नोटिस का क्या औचित्य है।
इस पर विपक्षी सदस्यों ने जोर जोर से बोलना शुरू कर दिया तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी इसका प्रतिवाद किया। सदन में अव्यवस्था की स्थिति देखते हुए सभापति ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

 

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