‘कागज’ की रिलीज के लिए तैयार हैं सतीश कौशिक
मुंबई, 29 दिसंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। पिछले दो दशकों में दिग्गज फिल्म निर्माता,निर्देशक सतीश कौशिक ने तेरे नाम, हम आपके दिल में रहते है, रूप की रानी चोरों का राजा, हमार दिल आपके पास है, मुझे कुछ कहना है जैसी कई हिट फिल्मे दी हैं। बतौर अभिनेता फिल्म मेकर सतीश कौशिक का काम गर्व करने जैसा है।
सतीश कौशिक अब लगभग छह वर्षों के विराम के बाद, अपनी निर्देशकीय फिल्म कागज को लेकर तैयार हैं। प्रतिभाशाली अभिनेता पंकज त्रिपाठी की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म सलमान खान फिल्म्स और सतीश कौशिक एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन के साथ प्रस्तुत की गई है और सलमान खान, निशांत कौशिक और विकास मालू द्वारा निर्मित है। कागज की कहानी को सतीश कौशिक द्वारा अवधारण और निर्देशित किया गया है और वह गर्व से कहते हैं कि फिल्म ने उन्हें एक कलाकार के रूप में ही नहीं, बल्कि निर्देशक के रूप में भी खुद को फिर से जीवंत करने का मौका दिया।
कागज का ट्रेलर हाल ही में साझा किया गया है और ट्रेलर को बहुत अच्छी समीक्षा मिल रही है। फिल्म 7 जनवरी को जी 5 ओरिजिनल के रूप में रिलीज होगी और साथ ही उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। पंकज त्रिपाठी ने फिल्म में भारत लाल मृतक नाम की भूमिका निभाई है और सतीश कौशिक ने भारत लाल के वकील की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
फिल्म के बारे में बात करते हुए, कौशिक कहते हैं, ‘मैंने कई साल पहले लाल बिहारी मृतक के बारे में एक समाचार लेख पढ़ा था और मैं उनकी यह बात मुझे छु गयी थी। जब मैंने उनके बारे में खोज की तो मुझे लगा कि उनकी कहानी को बताया जाना चाहिए और मैं ऐसा खुद करना चाहता था। इसलिए मैंने छह साल के अंतराल के बाद इस प्रोजेक्ट को करने का फैसला किया। समय बदल गया है और इसलिए फिल्म निर्माण के बहुत सारे पहलू हैं। इस फिल्म को निर्देशित करना मेरे लिए न केवल एक कलाकार के रूप में, बल्कि एक निर्देशक यह भी एक बहुत बड़ा सीखने का अनुभव था। मुझे खुशी है कि इसे प्रदर्शित करने के लिए हमें सलमान खान फिल्म्स को अपना प्रोडक्शन पार्टनर और जी 5 मिला। मुझे यकीन है कि लोग कहानी से जुड़ेंगे और हमारे प्रयासों की सराहना करेंगे।’ उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में स्थित एक व्यंग्यपूर्ण कॉमेडी, कागज लाल बिहारी मृतक की वास्तविक जीवन की कहानी है, जो एक व्यक्ति को आधिकारिक कागजात पर मृत घोषित कर दिया गया था और यह साबित करने की दिशा में काम करना था कि वह जीवित है।