मोदी ने देश की पहली चालकरहित मेट्रो ट्रेन का किया शुभारंभ
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम- बोटानिकल गार्डन) पर देश की पहली चालकरहित मेट्रो ट्रेन का वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए शुभारंभ किया। श्री मोदी ने इसके साथ ही एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड सेवा की भी शुरुआत की।
दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन पर चालकरहित ट्रेन की शुरुआत से दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ( डीएमआरसी) विश्व के उन सात प्रतिशत मेट्रो नेटवर्क में शामिल हो गयी, जहां बिना चालक ट्रेन चलाई जा रही है।
इन सेवाओं के प्रारंभ होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निवासियों के लिए सुखद यात्रा और उन्नत मोबिलिटी के एक नए युग की शुरुआत हो गयी।
दिल्ली मेट्रो के मुताबिक करीब 37 किलोमीटर लंबी मेजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम दृ बॉटनिकल गार्डन) पर बिना चालक वाली ट्रेन सेवा की शुरुआत से एक अन्य प्रमुख कॉरिडोर, 57 कि.मी. लंबी पिंक लाइन (मजलिस पार्क दृ शिव विहार) पर भी वर्ष 2021 के मध्य से चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन शुरु हो जाएगा। इसके उपरांत, दिल्ली मेट्रो के लगभग 94 किलोमीटर लंबे नेटवर्क पर बिना ड्राइवर के काम हो सकेगा, जो विश्व के कुल बिना चालक वाले मेट्रो नेटवर्क का लगभग नौ प्रपतिशत होगा।
बिना चालक वाली ट्रेनें पूर्णतया स्वचालित होंगी जिनमें न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी, इससे मानवीय भूलों की आशंकाएं समाप्त हो जाएंगी। दिल्ली मेट्रो यात्रियों की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी युक्त विकल्पों की शुरुआत में अग्रणी रही है और इस दिशा में यह अगला कदम है।
एयरपोर्ट मेट्रो पर पूरी तरह संचालित होने वाला नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी एक अन्य प्रमुख उपलब्धि है, जिसमें हाल ही में पिछले 18 महीनों में देश के किसी भी भाग के 23 बैंकों (वित्तीय सेवा विभाग, भारत सरकार के निदेशानुसार ये सभी एनसीएमसी का पालन करते हैं) द्वारा जारी रुपे दृ डेबिट कार्ड धारक कोई भी व्यक्ति उस कार्ड के इस्तेमाल से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यात्रा कर सकेगा। यह सुविधा वर्ष 2022 तक संपूर्ण दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर उपलब्ध हो सकेगी।
वर्तमान में दिल्ली मेट्रो लगभग 390 कि.मी. लंबे नेटवर्क पर ट्रेन संचालन कर रही है, इसमें 11 कॉरिडोरों (नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित) पर 285 स्टेशन हैं। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर कोविड संक्रमण से पूर्व प्रतिदिन लगभग 60 लाख यात्राएं पूरी की जाती रही थीं जिससे यह नेटवर्क राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जन परिवहन की रीढ़ बन गया है।